द भारत:- पटना. बिहार लोक सेवा आयोग की 67वीं संयुक्त प्रतियोगी प्रारंभिक परीक्षा के पेपर लीक मामले की जांच कर रही आर्थिक अपराध विंग (इओयू) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मंगलवार को एक बीडीओ को हिरासत में लिया है. बड़हरा प्रखंड के बीडीओ जयवर्धन गुप्ता परीक्षा केंद्र पर मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात थे. आरा के वीर कुंवर सिंह परीक्षा केंद्र पर पेपर लीक का मामला सामने आया था और गुप्ता इसी केंद्र पर परीक्षा मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात थे.
सूत्रों के अनुसार आर्थिक अपराध विंग की टीम अब जयवर्धन गुप्ता को जांच के लिए पटना ले गई है. बीपीएससी का पर्चा लीक मामले में ईओयू के हाथ कुछ सबूत लगे थे जिसके बाद उन्हें जाँच के क्रम में हिरासत में लिया गया है.
माना जा रहा है कि गुप्ता जिस परीक्षा केंद्र पर मजिस्ट्रेट थे वहीं से पेपर लिक हुआ है. हालांकि पेपर लीक में गुप्ता की संलिप्तता थी या नहीं इसे लेकर अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं है. लेकिन उनकी उपस्थिति में ही प्रश्न पत्र खोलने की बात हो रही है इस कारण संदेह के आधार पर उन्हें हिरासत में लिया गया है.
8 मई, 2022 को बीपीएससी की परीक्षा हुई थी. परीक्षा के लिए राज्य के 38 जिलों में कुल 1083 परीक्षा केंद्रों की व्यवस्था की गई थी. इस परीक्षा में बिहार और अन्य कई राज्य से करीब 6 लाख उम्मीदवार शामिल हुए थे. लेकिन पेपर लीक होने से लाखों छात्रों को निराश होना पड़ा है. इतिहास में यह पहला मौका है जब पेपर लीक हुआ था.
बिहार लोक सेवा आयोग ने पेपर लीक प्रकरण के सामने आने के बाद 67वीं संयुक्त प्रतियोगी प्रारंभिक परीक्षा को रद्द कर दिया है. पेपर लीक मामले में आयोग की ओर एक तीन सदस्यीय समिति बनाई गई थी. समिति को 24 घंटे में रिपोर्ट सौंपने को कहा गया था. हालांकि, समिति ने महज तीन घंटे में ही अपनी रिपोर्ट सौंप दी और परीक्षा निरस्त करने की सिफारिश कर दी थी. वहीं अब इस मामले की जाँच में एसटीएफ को भी शामिल कर लिया गया है.