political battle: महाराष्ट्र में शिवसेना पर नियंत्रण पाने की राजनीतिक लड़ाई और अधिक गहरा गई है. शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने शनिवार को प्रस्ताव पारित किया कि कोई भी अन्य राजनी तिक संगठन उसके नाम या उसके संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे के नाम का इस्तेमाल नहीं कर सकता है.
असंतुष्ट विधायक एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में बागी विधायकों की ओर से अपने समूह का नाम शिवसेना बालासाहेब रखने के बाद यह प्रस्ताव पास हुआ.
खिलाफ कार्रवाई के लिए
शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने प्रस्ताव के जरिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे को पार्टी से विश्वासघात करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए अधिकृत भी किया, लेकिन बागी नेता एकनाथ शिंदे के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने से परहेज किया.
पार्टी सांसद संजय राउत ने कहा, “कार्य कारिणी ने फैसला किया कि शिवसेना बाल ठाकरे की है और हिंदुत्व व मराठी गौरव की उनकी उग्र विचार धारा को आगे बढ़ाने के लिए प्रति बद्ध है. शिवसेना इस रास्ते से कभी नहीं हटेगी.
राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में मौजूद थे 245 लोग: शिवसेना की राष्ट्रीय कार्य कारिणी की बैठक आमतौर पर हर पांच साल में होती है, अगली बैठक 2023 के लिए निर्धा रित है. शुक्र वार को पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने शिंदे के विद्रोह के बाद आपात कालीन बैठक बुलाई थी.
political battle: शिंदे ने पार्टी को किस हद तक नुकसान पहुं चाया है, यह शनिवार की बैठक में शामिल हुए लोगों की घटती संख्या से स्पष्ट है. 2018 में पिछली कार्य कारी बैठक में 282 पदाधि कारियों ने भाग लिया था. शनिवार को सिर्फ 245 लोग ही मौजूद थे.