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बिहार में नीतीश-तेजस्वी मिलकर भी कर सकते हैं ‘खेल’: बीजेपी की बढ़ी बेचैनी, आंकड़ों के जरिए समझिए

द भारत:- पटना:राजनीति संभावनाओं का खेल है. यहीं वजह है कि आइडियोलॉजी पीछे छूट जाती है. बिहार में AIMIM के पांच में चार विधायक RJD में शामिल हो गए. राज्य में सत्ता का पूरा आंकड़ा ही बदल गया.

अकेले आरजेडी के पास 80 विधायक हो गए. महागठबंधन की बात की जाए तो ये आंकड़ा 116 तक पहुंचती है. नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के संबंधों पर आजकल चर्चा ज्यादा होती है. JDU के पास 46 विधायक हैं. अगर सिर्फ RJD और JDU के विधायकों की संख्या जोड़ दिया जाए तो ये डेटा 126 तक पहुंचती है. जबकि मैजिक नंबर 122 का ही है. सत्ता के नए आंकड़ों ने बीजेपी में बेचैनी बढ़ा दी है. केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) मंगलवार को सीएम नीतीश से मुलाकात किए थे और बुधवार को सत्ता का डेटा ही बदल गया.

नीतीश+तेजस्वी= 126, चाहिए सिर्फ 122: ओवैसी की पार्टी के 5 में से 4 विधायक मुख्य विपक्षी पार्टी आरजेडी में शामिल हो गए. ये किसी बड़े सियासी खेल का संकेत हैं. आंकड़ों के लिहाज से देखें तो राज्य में महागठबंधन सत्ता से सिर्फ 6 विधायक दूर है. मतलब लालू यादव की पार्टी आरजेडी गठबंधन के पास 116 विधायक हो गए हैं. बिहार में बहुमत का आंकड़ा 122 है.

AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमान सिर्फ ओवैसी के साथ रह गए हैं. ओवैसी से पहले अख्तरुल इमान, लालू यादव की पार्टी आरजेडी का ही झंडा ढोते थे. आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव आजकल पटना में ही हैं. अगर, पूरे महागठबंधन के डेटा को न भी लें तो सिर्फ RJD-JDU आंकड़ा भी मैजिक नंबर के पार चला जाता है. मतलब तेजस्वी के 80 और नीतीश के 46 विधायकों की संख्या 126 तक पहुंचती है. जबकि बहुमत का आंकड़ा 122 का ही है. वैसे भी आजकल तेजस्वी और नीतीश की नजदीकियों की चर्चा ज्यादा चल रही है.

नए आंकड़ों ने बढ़ाई बीजेपी की बेचैनी: बिहार में बदले सत्ता के नए आंकड़ों ने बीजेपी के कान खड़े कर दिए हैं. केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान मंगलवार को पटना पहुंचते ही सबसे पहले नीतीश कुमार से मिलने सीएम आवास गए. कई मुद्दों पर चर्चा हुई. खबर ये भी है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में जेडीयू को दो सीटें ऑफर की गई है.

आरसीपी सिंह ने अब तक मोदी कैबिनेट से इस्तीफा नहीं दिया है. वैसे भी ये अपने आप में आश्चर्य है कि AIMIM के विधायकों ने सत्ताधारी JDU के RJD को चुना।.जेडीयू नेता रहे अजय आलोक ने ट्वीट कर इसका इशारा किया है. उन्होंने कहा कि ‘वैसे पहली बार भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में ओवैसी की पार्टी के विधायक टूटकर मुख्य विपक्षी दल में गए, सबसे बड़ी पार्टी RJD सदन में बन गयी, खेल अभी शुरू हुआ है क्योंकि संचालन कहीं और से हो रहा हैं, RJD को बधाई.

मैजिक नंबर से 6 विधायक दूर तेजस्वी: नए तोड़-फोड़ से बिहार में आरजेडी एक बार फिर बड़ी पार्टी हो गई. सत्ता के शिखर पर पहुंचने की राह से तेजस्वी यादव सिर्फ 6 विधायक दूर हैं. आरजेडी में शामिल होने वाले विधायकों में कोचाधामन के विधायक मुहम्मद इजहार अस्फी, जोकीहाट से शाहनवाज आलम, पूर्णिया के बायसी के सैयद रुकनुद्दीन अहमद और बहादुरगंज के विधायक अंजार नईमी हैं.

बिहार AIMIM के अध्यक्ष अख्तरुल इमान सिर्फ ओवैसी के साथ हैं. हालांकि वो कब तक रहेंगे कहना मुश्किल है. वैसे, बिहार में मॉनसून सेशन चल रहा है. विधायकों के शामिल कराने पर तेजस्वी ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव में जनादेश आरजेडी को सबसे बड़ी पार्टी के रूप में मिला था, लेकिन बाद में बीजेपी ने विकासशील इंसान पार्टी (VIP) को तोड़कर तीन विधायकों को अपने में मिला लिया था और बड़ी पार्टी बन गई थी. खुशी है कि आरजेडी राज्य में एकबार फिर सबसे बड़ी पार्टी बन गई.

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