द भारत:- बक्सर. जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा का बक्सर में जदयू के कार्यकर्ताओं ने जबरदस्त बिरोध किया. उपेंद्र कुशवाहा का काफिला बक्सर के ज्योति चौक पहुचते ही कार्यकर्त्ता आपस में भीड़ गए और नेता को काला झंडा दिखान शुरू हो गया. फिर उपेंद्र कुशवाहा “गो बैक” का नारा लगन शुरू हो गया.
बात यही नहीं रुकी कार्यकर्त्ता आपस में भीड़ गए और दोनों तरफ से भिंडी और बैगन का युद्ध भी जम कर हुआ. ये सारी घटना शहर के ज्योति चौक पर हुई.
दरअसल आज बक्सर में जदयू द्वारा शहर के ऐतिहासिक किला मैदान में आयोजित “सद्भावना बढ़ाओ देश बचाओ” सम्मेलन में भाग लेने के लिए उपेन्द्र कुशवाहा बक्सर पहुंचे थे ऐसे में सभा अस्थल से पहले ही कार्यकर्त्ता गो बैक का नारा लगाना शुरू कर दिए. कार्यकर्ताओं के हाथों में तख्तियां पर “कुशवाहा समाज का हत्यारा” लिखे स्लोगन भी थे.
उपेन्द्र कुशवाहा को लेकर आक्रोश का कारण: कार्यकर्ताओ ने कहा कि उपेन्द्र कुशवाहा ने राष्ट्रीय लोक समता पार्टी बनाई जिसमे अनेको कुशवाहा नेताओ की हत्या हुई मगर इन्होने कोई संज्ञान नहीं लिया. अपनी व्यक्तिगत इक्षा पूर्ति के लिए पुरे समाज का दोहन किया है. बक्सर से पटना जाने पर किसी से मिलते नहीं थे. कार्यकर्ताओ की बात को तरजीह नहीं देते थे. और अंततः व्यक्तिगत महत्वकांक्षा को पूरी करने के लिए तमाम नेताओ की बलि चढ़ा दी.
केवल वोट देने के लिए नहीं बना है कुशवाहा समाज: युवा नेता मोहित कुशवाहा ने कहा कि कुशवाहा समाज केवल वोट देने के लिए नहीं बना है जबकि, उपेंद्र कुशवाहा जैसे नेता यही समझते हैं. वह लगातार कुशवाहा समाज के लोगों को हितों की अनदेखी कर रहे हैं.
ऐसे में जिस प्रकार एससी-एसटी आयोग बना है उसी प्रकार कुशवाहा आयोग बने. साथ ही कुशवाहा समाज के सब्जी बेचने के लिए सब्जी मंडी मुहैया कराइ जाये. इतना ही नहीं पार्टी में भी कुशवाहा समाज के जमीनी कार्यकर्ताओं को इज्जत मिले.
मिले सब्जियों का उचित मूल्य, पटना में बने छात्रावास: अपने विरोध के दौरान कुशवाहा समाज के युवा हाथों में बैगन और भिंडी लेकर खड़े थे उन्होंने कहा कि कुशवाहा समाज के पहचान को खत्म करने की कोशिश हो रही है. आज सब्जी विक्रेता कुशवाहा समाज के लोगों को सब्जियों का उचित मूल्य नहीं मिलता. बाजार में उन्हें जगह नहीं मिलती. इस आंदोलन के दौरान पटना में कुशवाहा समाज के युवाओं के लिए छात्रावास बनाने की भी मांग की गई. साथ ही कहा गया कि मांग नहीं मानने पर आंदोलन को पुरे बिहार में तेज किया जाएगा.