होमपटनाBihar Land Registry: बिहार में 1अप्रैल से महंगी हो जायेगी जमीन की...

Bihar Land Registry: बिहार में 1अप्रैल से महंगी हो जायेगी जमीन की रजिस्ट्री!

Bihar Land Registry राज्य में 1 अप्रैल अपार्टमेंट में फ्लैट, दुकान और ऑफिस स्पेस खरीदना महंगा होगा. कारण, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने बिहार रियल इस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) के नए नियम को लागू करने होने वाले घाटे को दूर करने के लिए रजिस्ट्री शुल्क में बढ़ोतरी की तैयारी की है. इसके तहत सभी जिला अवर निबंधक से रेरा के नए नियम से होने वाले घाटे की भरपाई के लिए प्रस्ताव मांगा गया है.

निबंधन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक दुकान और ऑफिस का रजिस्ट्री (Bihar Land Registry) शुल्क मर्ज कर 15 से 30 फीसदी बढ़ोतरी करने पर होने वाले घाटे की भरपाई होगी. इस संबंध में प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है. निबंधन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक सबसे पहले राज्य के पांच जिलों में शुल्क बढ़ोतरी दर लागू होगा.

इसमें पटना, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, गया और पूर्णिया शामिल है. कारण, इन शहरों में सबसे अधिक अपार्टमेंट बन रहा है. इसके बाद दूसरे चरण में राज्य के अन्य सभी 33 जिलों में रजिस्ट्री शुल्क लागू होगा. इन जिलों में नए सिरे से अपार्टमेंट कल्चर शुरू हो रहा है.

फ्लैट रजिस्ट्री में बदलाव : कारपेट व सुपर बिल्डअप एिरया की अलग-अलग रजिस्ट्री

कारपेट एरिया की रजिस्ट्री खरीददार के नाम रेरा ने फ्लैट की रजिस्ट्री कॉरपेट एरिया के आधार पर करने का निर्देश दिया है.अभी तक सुपर बिल्डअप एरिया के अनुरूप रजिस्ट्री हो रही है. यानी, किसी व्यक्ति के द्वारा खरीदे जाने वाले फ्लैट का सुपर बिल्डअप एरिया 1000 वर्गफीट और कॉरपेट एरिया 800 वर्गफीट है तो अब कॉरपेट एरिया का ही रजिस्ट्री होगा. ऐसे में 200 वर्गफीट की रजिस्ट्री नही होने से विभाग को राजस्व का घाटा हो रहा है.

ये भी पढ़ें : Salary Hike: दिवाली से पहले राज्य कर्मियों की बढ़ेगी सैलरी, सरकार ने 4 फीसदी बढ़ाया महंगाई भत्ता!

सुपर बिल्डअप की रजिस्ट्री सोसायटी के नाम

विभागीय अधिकारियों के मुताबिक सुपर बिल्डअप एरिया और कॉरपेट एरिया के बीच की जमीन सोसाइटी के नाम से रजिस्टर्ड करानी है.लेकिन, सोसाइटी के निबंधन में पेंच होने के कारण फ्लैटधारकों के द्वारा निबंधन नहीं कराया जा रहा है. ऐसे से सोसाइटी के नाम से बचे जमीन का रजिस्ट्री नहीं हो रही है.

इधर, 35 दिन में नहीं किया म्यूटेशन और वाजिब कारण नहीं बताया तो सीओ/राजस्व अधिकारी/कर्मी होंगे दंडित, निर्देश 1 मार्च से लागू.

सख्ती : विभाग ने डीएम को कार्रवाई का अधिकार सौंपा

सूबे के 534 अंचल कार्यालयों में आवेदन देने के 35 दिन में म्यूटेशन करना अनिवार्य है.अगर ऐसा नहीं हुआ और संबंधित सीओ/राजस्व. अधिकारी/कर्मचारी ने नहीं करने का वाजिब लिखित कारण 100 शब्दों में नहीं बताया तो वो दंडित होंगे राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने सभी डीएम को कार्रवाई करने का अधिकार दे दिया है. विभाग के सचिव जय सिंह ने सभी जिलों के डीएम को इस संबंध में पत्र लिखा है.

अपर समाहर्ताओं एवं प्रमंडलीय आयुक्तों को भी इसकी जानकारी दी है. उन्होंने स्पष्ट कहा है कि पहली मार्च से म्यूटेशन के आवेदनों को बिना स्पष्ट कारण के यदि अस्वीकृत किया गया, तय समय से अधिक समय लगाया गया तो अविलम्ब इसके लिए जिम्मेदार कर्मी/पदाधिकारी को चिन्हित कर दंडित करने की कार्रवाई प्रारम्भ करें.

उन्होंने बताया कि वर्ष 2018 से अबतक कुल-99.39 लाख आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिसमें से अस्वीकृत मामलों की संख्या-36.33 लाख है. इतनी बड़ी संख्या में आवेदनों की अस्वीकृति से चिंतित विभाग ने इस नई व्यवस्था को लागू किया है. विभाग पहले ही म्यूटेशन में पहले आओ पहले पाओ (फीफो) व्यवस्था के तहत ही काम करना अनिवार्य कर चुका है.

मंत्री आलोक मेहता ने कहा कि पूरे बिहार से शिकायत आ रही थी कि म्यूटेशन मामले में अंचल कर्मियों द्वारा मनमानी की जा रही है. नई व्यवस्था के लागू होने म्यूटेशन के मामले में पूरी पारदर्शिता सुनिश्चित होगी तथा कोई भी वाद को लम्बे समय तक लटकाने से बचेगा.

The Bharat
The Bharat
The Bharat एक न्यूज़ एजेंसी है. ईसका उद्देश्य "पक्ष या विपक्ष नहीं बल्कि "निष्पक्ष" रुप से तथ्यों को लिखना तथा अपने पाठकों तक सही व सत्य खबर पहुंचाना है. मीडिया को हृदय की गहराइयों से निष्पक्ष बनाए रखने एवं लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में "The Bharat" एक प्रयास है.
RELATED ARTICLES

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Latest News