बिहार के राज्यपाल फागू चौहान को मेघालय का राज्यपाल नियुक्त किया गया है. अब बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर (Governor Rajendra Vishwanath Arlekar) होंगे. इसके पहले राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल थे. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 13 राज्यों के नए राज्यपाल और उप राज्यपाल को नियुक्त किया है.
बिहार के राज्यपाल फागू चौहान को 29 जुलाई 2019 को बिहार का राज्यपाल नियुक्त किया गया था. उस समय तत्कालीन राज्यपाल लालजी टंडन को हटाकर फागू चौहान को यह जिम्मेदारी दी गई थी.फागू चौहान ने बिहार के राज्यपाल के तौर पर साढ़े 3 साल का कार्यकाल पूरा किया.
राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर की वो पांच खास बातें
राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर (Governor Rajendra Vishwanath Arlekar) ने 13 जुलाई, 2021 को हिमाचल के नए राज्यपाल के रूप में शपथ ली थी. राजेंद्र अर्लेकर गोवा की राजनीति का अहम चेहरा है. भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता के रूप में राजनीतिक सफर शुरू करने वाले अर्लेकर गोवा के विधायक और फिर मंत्री भी रहे हैं. हालांकि कोई गुरेज नहीं की पूर्णतः भाजपा के एक कार्यकर्त्ता ही हैं.
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बिहार के 41वें राज्यपाल होंगे राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर
राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर बिहार के 41वें में राज्यपाल होंगे. वे 2002 से 2007 तक विधायक थे. 2012 से 2015 तक गोवा विधानसभा के अध्यक्ष रहे हैं. अक्टूबर 2015 से 2017 तक गोवा के वन पर्यावरण और पंचायती राज्य मंत्री रहे थे. इसके बाद उन्हें हिमाचल प्रदेश का राज्यपाल बनाया गया था.
राजेंद्र आर्लेकर का जन्म 23 अप्रैल 1954 को गोवा के पणजी में हुआ था. वह भारतीय जनता पार्टी के नेता रहे है. उन्होंने एमईएस कॉलेज, वास्को डी गामा, गोवा से अपनी डिग्री प्राप्त की. राजेन्द्र विश्वनाथ बाल्य अवस्था में ही RSS से जुड गए थे. लंबे समय तक संघ में. अलग-अलग दायित्व पर रहे. 1989 में आर्लेकर भाजपा में शामिल हुए. उस समय वह 35 वर्ष के थे.
जब मनोहर पर्रिकर को 2014 में केंद्रीय रक्षा मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था, तो आर्लेकर को अगला मुख्यमंत्री बनाने की प्लानिंग थी. हालांकि, बीजेपी ने इनकी जगह लक्ष्मीकांत पारसेकर को अगले मुख्यमंत्री के रूप में चुना. आर्लेकर को गोवा विधानसभा को कागज रहित बनाने का श्रेय दिया जाता है. ऐसा करने वाली वह पहली राज्य विधानसभा है.