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Up Politics: स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान का विरोध करना पड़ा भारी: सपा ने दो नेताओ को किया निष्कासित

Up Politics: सपा के वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरित मानस पर टिप्पणी की थी. इस पर उनकी ही पार्टी के दो नेता उनके खिलाफ हो गए थे. इस बयान पर कई सवाल खड़े किए थे.दोनों ने रामचरितमानस पर बयान देने का विरोध किया था. गुरुवार को समाजवादी पार्टी ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया. लिखा,”रोली तिवारी मिश्रा और ऋचा सिंह को समाजवादी पार्टी से निष्कासित किया जाता है.

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समाजवादी पार्टी की नेता डॉ रोली तिवारी मिश्रा का भी बयान सामने आया है. रोली तिवारी मिश्रा ने स्वामी प्रसाद मौर्य का नाम लिए बिना कहा था,” सनातन द्रोहियों ने महंत राजू दास पर हमला किया गया है.” इसके बाद ट्वीट कर लिखा,”कल श्रीहनुमान गढ़ी मंदिर महंत श्री राजू दासजी महाराज ने मुझे श्रीरामचरितमानस सम्मान यात्रा के लिए आशीर्वाद दिया. आज लखनऊ के ताज होटल में सनातन द्रोहियों ने उन पर हमला कर दिया.

सपा नेता रोली तिवारी मिश्रा ने

सपा नेता रोली तिवारी मिश्रा ने 26 जनवरी एक बयान दिया था. कहा था,”स्वामी बसपा के एजेंट हैं. वे 2024 से पहले पार्टी भी छोड़ सकते हैं. मैं तो एक लीडर हूं, लेकिन स्वामी प्रसाद मौर्य डीलर हैं. मुझे तो लगता है कि मौर्य सपा को और ज्यादा नुकसान पहुंचाएंगे. कोई कैसे भगवान राम और रामचरित मानस का अपमान बर्दाश्त कर सकता है.

रोली तिवारी ने अपने ट्विटर पर स्वामी प्रसाद मौर्य का वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा था, “स्वामी प्रसाद का कहना है कि समाजवादी पार्टी की सरकार बनी तो श्रीरामचरितमानस की चौपाइयों को प्रतिबंधित करवाएंगे. 2012 में रोटी कपड़ा सस्ती हो दवा पढ़ाई मुफ्त हो. इस नारे के साथ अखिलेश यादव यूपी के मुख्यमंत्री बने थे. क्या ‘मानस का मुद्दा’ लेकर सपा पुनः सरकार बना पाएगी?”

स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था

Up Politics: स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था,”रामचरितमानस से जो आपत्तिजनक अंश है, उसे बाहर करना चाहिए या इस पूरी पुस्तक को ही बैन कर देना चाहिए. ब्राह्मण भले ही लंपट, दुराचारी, अनपढ़ और गंवार हो, लेकिन वह ब्राह्मण है, तो उसे पूजनीय बताया गया है, लेकिन शूद्र कितना भी ज्ञानी, विद्वान या फिर ज्ञाता हो, उसका सम्मान मत करिए. क्या यही धर्म है?

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