गुरुवार को मध्यप्रदेश की पुलिस ने बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Shastri) के भाई को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने अभियुक्त शालिग्राम गर्ग को ज़िला अदालत में पेश किया.
गर्ग के एक अन्य साथी राजाराम तिवारी को भी गिरफ़्तार किया गया है. हालांकि दोनों अभियुक्त बाद में ज़मानत पर रिहा कर दिए गए. गर्ग पर अहिरवार परिवार की शादी में देसी हथियार से धमकाने का आरोप है. पिछले दिनों इस घटना का एक वीडियो वायरल हुआ था.
पुलिस के मुताबिक, छतरपुर ज़िले के गढ़ा गांव में 11 फ़रवरी को एक विवाह समारोह में ‘अपशब्द इस्तेमाल करने, बंदूक तानने और शिकायतकर्ता को धमकाने’ के आरोप में दोनों को गिरफ़्तार किया गया है. घटना के बाद शिकायतकर्ता ने आईपीसी की धारा 294, 323, 506, 427 और एससी/एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया था.
एससी-एसटी एक्ट में नहीं मिलती अग्रिम जमानत
बता दें कि एससी-एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज होते ही गिरफ्तारी किए जाने का प्रावधान है. इस तरह के मामले में इंस्पेक्टर रैंक के पुलिस अफसर जांच करते हैं. इन मामलों की सुनवाई सिर्फ स्पेशल कोर्ट में की जाती है. इस मामले में आरोपी को अग्रिम जमानत नहीं मिलती है. हाईकोर्ट से ही नियमित जमानत मिल सकती है.
भाई पर केस दर्ज होने के बाद क्या बोले थे धीरेंद्र शास्त्री?
वीडियो वायरल होने के बाद केस दर्ज होने पर बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Shastri) का बयान सामने आया था. उन्होंने कहा था कि मैं झूठ के साथ नहीं हूं. जो करे सो भरे. उन्होंने कहा था कि मामला हमारे संज्ञान में आया है. हम गलत के साथ नहीं हैं. कानून निष्पक्षता और पारदर्शिता से इसकी जांच करे. मैं गलत के कतई साथ नहीं हूं और हर विषय को हमसे न जोड़ा जाए. हम सनातन, हिंदुत्व और श्री बागेश्वर जी की सेवा में अनवरत लगे हुए हैं. इसे हमसे न जोड़ा जाए.