बिहार की राजनीति (Bihar Politics) में इन दिनों काफी गहमागहमी चल रही है. इस बीच मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से खबर आई है कि जदयू से अलग होकर अपनी नई पार्टी बनाने वाले उपेंद्र कुशवाहा को केंद्र सरकार ने वाई प्लस श्रेणी की सुरक्षा देने का फैसला किया है.
उपेंद्र कुशवाहा को वाई प्लस सुरक्षा मिलने के कई राजनैतिक (Bihar Politics ) मायने निकाले जा रहे हैं. दरअसल कुशवाहा बीते कुछ दिनों से नीतीश कुमार के खिलाफ हमलावर हैं. बीते दिनों ही कुशवाहा ने नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड से अलग होकर नई पार्टी राष्ट्रीय लोक जनता दल का गठन किया था.
मुकेश के बाद उपेन्द्र को मिली प्लस श्रेणी की सुरक्षा
खूफिया विभाग की रिपोर्ट पर गृह मंत्रालय ने उपेंद्र कुशवाहा को सुरक्षा दी गई है. इससे पहले विकासशील इंसान पार्टी के सुप्रीमो मुकेश सहनी को भी केंद्र सरकार ने वाई प्लस सुरक्षा दी थी. लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के प्रमुख चिराग पासवान को भी कुछ समय पहले जेड कैटेगरी की सुरक्षा दी गई थी.
अब तक के होने वाले चुनावो में यही पाया गया कि बिहार में भाजपा अपना किला मजबूत करने में काफी हद तक कामयाब रही है. इसका मूल कारन क्षेत्र के सभी छोटे छोटे दलों को आपस में मिलाकर एक साथ चुनाव लड़ना. इसके सीधे तौर पर यह मायने निकाले जा सकते है कि नीतीश कुमार की जेडीयू और लालू प्रसाद यादव की पार्टी राजद को बिहार में कमजोर करना है.
मोदी के हनुमान ने नीतीश का खेल बिगाड़ा
आपको बताते चले कि 2020 के पिछले विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार ने भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था, वही भाजपा के हनुमान कहे जाने वाले चिराग पासवान को भाजपा ने नीतीश कि पार्टी जेडीयू को कम से कम सिट मिल सके इसलिए उसे खुला मैदान में छोड़ दिया था. और अंततः यही हुवा भाजपा अपने मनसूबे में कामयाब हुई.
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गौरतलब हैं कि कुछ ही दिनों पहले नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड से उपेन्द्र कुशवाहा ने अपनी पार्टी बना कर उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. अब एक बार फिर से भाजपा को नीतीश कुमार को कमजोर करने के लिए एक नये हनुमान की तलाश थी जो उपेंद्र कुशवाहा को दी गई Y प्लस सुरक्षा के बाद से कयास लगने लगे हैं.
हालंकि अब देखना यह है कि इस बार के लोकसभा चुनाव में भाजपा के हनुमान कौन होंगे , फिर से चिराग या उपेन्द्र से उम्मीद हैं.