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Rajamouli की फिल्म RRR के गाने नाटू-नाटू को मिला ऑस्कर, 22 साल में बनाई सभी 12 फिल्में हिट

Rajamouli की फिल्म ‘RRR’ के गाने ‘नाटू-नाटू’ को बेस्ट ओरिजिनल सॉन्ग कैटेगरी में ऑस्कर अवॉर्ड मिला है. आखिरी बार 2008 में फिल्म ‘स्लमडॉग मिलेनियर’ के गाने ‘जय हो’ के लिए एआर रहमान को बेस्ट ओरिजिनल सॉन्ग का ऑस्कर मिला था. इसके 15 साल बाद भारत को ये अवॉर्ड मिला है.

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‘जय हो’ गाने को ऑस्कर तो मिला, हालांकि ये ब्रिटिश फिल्म थी. ऐसे में ‘नाटू- नाटू’ ऑस्कर जाने वाला पहला ऐसा गाना है जो हिंदी फिल्म का है. इस गाने को जूनियर एनटीआर और रामचरण पर फिल्माया गया, जिसका हुक स्टेप बनाने के लिए कोरियोग्राफर प्रेम रक्षित ने 110 मूव्स तैयार किए थे. इस गाने को पहले ही गोल्डन ग्लोब मिल चुका है. ये गोल्डन ग्लोब हासिल करने वाला पहला भारतीय और एशियन गाना भी है.

इस गाने के बनने और बनाने वाले लोगों की कहानी काफी इंट्रेस्टिंग है. जिन कंपोजर एमएम कीरवानी को ऑस्कर मिला है, वो कभी असमय मृत्यु के डर से संन्यासी बनकर रह चुके हैं. वहीं गाने के स्टेप्स जिन पर दुनियाभर के लोग थिरक रहे हैं, उन्हें बनाने वाले कोरियोग्राफर प्रेम रक्षित भी सुसाइड करते-करते रुके थे.

‘नाटू-नाटू’ के ऑस्कर विनर बनने पर पढ़िए इसके बनने की कहानी और इससे जुड़ी कुछ इंट्रेस्टिंग बातें…

20 गाने लिखे गए थे जिनमें से RRR के लिए चुना गया नाटू-नाटू

Rajamouli के फिल्म का गाना नाटू नाटू दोस्ती पर बनाया गया है. इस गाने को बनने में पूरे 19 महीने लगे थे. कंपोजर एमएम कीरवानी ने फिल्म के लिए 20 गाने लिखे थे, लेकिन उन 20 में से नाटू-नाटू को फाइनल किया गया था. इसका निर्धारण फिल्म मेकिंग से जुड़े लोगों की वोटिंग के आधार पर हुआ था. गाने का 90% हिस्सा सिर्फ आधे दिन में तैयार हो चुका था, हालांकि इसका 10% बचा हुआ भाग पूरा करने में 19 महीने लगे थे.

कोरियोग्राफर प्रेम रक्षित ने गाने के स्टेप तैयार किए. फिल्म के डायरेक्टर एसएस राजामौली को ऐसे स्टेप्स चाहिए थे, जो दो दोस्त साथ में कर सकें, लेकिन स्टेप्स इतने पेचीदा भी न हों कि दूसरे इसे कॉपी न कर सकें. कोरियोग्राफर ने इस गाने का हुक स्टेप करने के लिए 110 मूव्स बनाए थे.

यूक्रेन के प्रेसिडेंट के पैलेस में हुई थी नाटू-नाटू की शूटिंग

गाना बनने के बाद इसकी शूटिंग अगस्त 2021 में यूक्रेन के कीव में स्थित प्रेसिडेंट के घर मारिंस्की पैलेस में हुई थी. पूरे गाने की शूटिंग कीव में 15 दिनों में पूरी की गई थी, जिसमें 50 बैकग्राउंड डांसर और करीब 400 जूनियर आर्टिस्ट थे.

नाटू-नाटू तेलुगु गाना है, हालांकि Rajamouli ने हिंदी में इसका ट्रांसलेशन नाचो-नाचो है. तमिल में गाने को नाट्टू-कूथू टाइटल के साथ रिलीज किया गया, वहीं कन्नड़ में इसका नाम है हाली नाटू और मलयालम में कारिनथोल.

रिलीज होते ही गाने ने बनाए कई रिकॉर्ड्स

नाटू-नाटू गाने को 10 नवंबर 2021 को रिलीज किया गया था. रिलीज के महज 24 घंटों बाद ही इसके तमिल वर्जन को यूट्यूब पर 17 मिलियन व्यूज मिले थे. वहीं सभी 5 भाषाओं में इसके कुल व्यूज 35 मिलियन थे. ये सबसे पहले 1 मिलियन लाइक्स पूरे करने वाला तेलुगु गाना था. फिलहाल सिर्फ हिंदी वर्जन के यूट्यूब पर 265 मिलियन व्यूज और 2.5 मिलियन लाइक्स हैं.

कभी आत्महत्या करना चाहते थे गाने के कोरियोग्राफर प्रेम रक्षित

नाटू-नाटू गाने के कोरियोग्राफर प्रेम रक्षित के पिता एक समय हीरे के व्यापारी थे. पारिवारिक मतभेद के चलते 1993 में उनके परिवार को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा. परिवार इतना गरीब हो चुका था कि पिता फिल्मों में डांस असिस्टेंट बन गए और प्रेम टेलर की दुकान में काम करने लगे. एक दिन गरीबी से तंग आकर प्रेम आत्महत्या करने चेन्नई के मरीना बीच चले गए थे. उन्हें लगा था कि आत्महत्या करने से डांस फेडरेशन के लोग परिवार को 50 हजार रुपए की आर्थिक मदद देंगे.

सुसाइड से पहले प्रेम को ख्याल आया कि वो जिस साइकिल से बीच पर पहुंचे हैं वो उधार की है. अगर वो ऐसे ही मर गए तो साइकिल वाला परिवार को परेशान करेगा. इस सोच के साथ वो साइकिल रखने घर आ गए. घर आते ही उनके पिता का कॉल आया कि प्रेम को एक फिल्म में डांस एक्स्ट्रा का काम मिला है. काम मिलने ही प्रेम ने सुसाइड का ख्याल छोड़ दिया था.

सबसे पहले प्रेम ने विद्यार्थी फिल्म के लिए डांस कोरियोग्राफ किया. Rajamouli वो गाना देखकर इतने खुश हुए कि उन्होंने कोरियोग्राफर का पता करवाया. जैसे ही पता चला कि गाने के कोरियोग्राफर प्रेम रक्षित हैं तो राजामौली ने खुद उन्हें कॉल कर पूछा कि क्या वो उनके बच्चों को डांस सिखा सकते हैं. इसके बाद राजामौली ने उन्हें फिल्म छत्रपति में बतौर कोरियोग्राफर काम दे दिया. इस फिल्म से ही जूनियर एनटीआर स्टार बने थे. वहीं प्रेम रक्षित को भी इसी फिल्म से पहचान मिली थी.

मुहूर्त देखकर ही कार से उतरते हैं, चाहे कितनी भी देर हो जाए

कहा जाता कि अपनी कार में तब तक बैठे रहते हैं जब तक कि उतरने का सही समय नहीं हो जाता है. यही नहीं, मुहूर्त देखकर ही वे किसी समारोह में जाते हैं. उन्होंने तमिल, मलयालम, कन्नड़ और हिंदी फिल्मों के लिए संगीत तैयार किया है.

10 में से एसएस Rajamouli की 10 फिल्में हुईं हिट, पैन इंडिया का ट्रेंड भी इन्हीं ने शुरू किया: RRR फिल्म के डायरेक्टर एसएस Rajamouli 100% ट्रैक रिकॉर्ड रखते हैं, यानी इनकी बनाईं 10 की 10 फिल्में हिट रही हैं. ये बाहुबली और मक्खी जैसी बेहतरीन फिल्में दे चुके हैं. 2015 में बाहुबली से पैन इंडिया फिल्मों का ट्रेंड करने का क्रेडिट भी इन्हीं को दिया जाता है. 2012 की फिल्म मक्खी बनाने के लिए एसएस राजामौली ने खुद मक्खियों पर रिसर्च की थी. ये अपने फ्रिज में मक्खी रखते थे, जिससे उन्हें बारीकी से समझा जा सके.

RRR फिल्म से जुड़े इंट्रेस्टिंग फैक्ट्स

2022 की फिल्म RRR रामा राजू और भीम नाम के स्वतंत्रता सेनानियों के असल किरदारों पर बनीं फिक्शनल कहानी है.
550 करोड़ रुपए के बजट में बनी ये फिल्म हिंदी सिनेमा के इतिहास की सबसे महंगी फिल्म है.

1200 करोड़ रुपए का वर्ल्डवाइड कमाई करने वाली इस फिल्म ने कई रिकॉर्ड कायम किए थे. ये भारत की वर्ल्डवाइड सबसे ज्यादा कमाई करने वाली तीसरी फिल्म है. साथ ही ये बाहुबली 2 के बाद वर्ल्ड वाइड सबसे ज्यादा कमाई करने वाली दूसरी तेलुगु फिल्म है. फिल्म की शूटिंग के लिए नकली गांव दिखाने के लिए राजामौली ने रामोजी फिल्म सिटी में 18 करोड़ रुपए का सेट तैयार किया था.

फिल्म में रामचरण के एंट्री सीन को शूट करने में 32 दिन लगे थे. वहीं रामचरण और एनटीआर के एंट्री सीन में ही 40 करोड़ रुपए लगे हैं. रामचरण और एनटीआर के एक्शन सीन में 45 करोड़ रुपए से ज्यादा का खर्च आया था. जिसमें 2 हजार से ज्यादा लोग थे.

फिल्म के लिए जूनियर एनटीआर ने 18 महीनों की ट्रेनिंग ली थी और 9 किलो मसल्स गेन की थीं. फिल्म के लिए 2500 क्रू मेंबर्स लंदन से हायर किए गए थे. पूरी फिल्म की शूटिंग 300 दिनों में पूरी हुई थी.

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