द भारत: किसी भी वक्त बिहार के पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई के आदेश जारी हो सकते हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आनंद मोहन की रिहाई वाली फाइल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास अप्रूवल के लिए पहुंच चुकी है.
इससे पहले उनकी रिहाई को लेकर दो स्तरीय बैठक कर ली गई है. स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक सोमवार को हुई थी. इसके बाद गृह अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद की अध्यक्षता में बैठक हुई. बैठक के बाद फाइल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास भेजी गई है.
माना जा रहा है कि किसी भी वक्त रिहाई आदेश जारी हो सकते हैं. पूरे मामले को काफी गुपचुप तरीके से किया जा रहा. मंत्री परिषद से लेकर परिहार नियमावली के संशोधन अधिसूचना को भी गुप्त रखा गया था.
आनंद मोहन की रिहाई को लेकर होने वाले नियमावली संशोधन को भी काफी गुप्त रखा गया. बताया जा रहा कि सुप्रीमो की ओर से निर्देश है कि कोई भी अधिकारी इस पर कुछ नहीं बोल रहे.
1994 में लगा था आरोप, 2007 में हुई थी सजा: 5 दिसंबर 1994 को गोपालगंज के जिलाधिकारी जी कृष्णैया की भीड़ ने पहले पिटाई, फिर गोली मारकर हत्या कर दी थी. ऐसा आरोप लगा था कि इस भीड़ को आनंद मोहन ने ही उकसाया था. साल 2007 में इस मामले में पटना हाईकोर्ट ने उन्हें दोषी ठहराया था और फांसी की सजा सुनाई थी.
आजाद भारत का ये पहला मामला था, जिसमें किसी जनप्रतिनिधि को मौत की सजा सुनाई गई थी. हालांकि 2008 में हाईकोर्ट की तरफ से ही इस सजा को उम्र कैद में तब्दील कर दिया गया था. 2012 में इन्होंने सुप्रीम कोर्ट में सजा कम करने की अपील की थी, जो खारिज हो गई थी. लेकिन अब किसी भी वक्त हो सकती है आनंद मोहन की रिहाई