बिहार की राजनीति (Bihar Politics) में हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (हम) ने यू हीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कैबिनेट का साथ नहीं छोड़ा है. मंगलवार को पटना में हुए पूरे राजनीतिक घटनाक्रम के पीछे की वजह एक बड़ी डील है, जो भाजपा और हम के बीच हुई है.
मांझी की बीजेपी की साथ हुई डील
भले ही डॉ. संतोष कुमार सुमन ने यह कहते हुए मंत्री पद से इस्तीफा दिया कि उन पर अपनी पार्टी को जदयू में मर्ज करने का बड़ा दबाव दिया जा रहा था .और चाहे कुछ हो जाए वो पार्टी का अस्तित्व नहीं मिटने देंगे, लेकिन राजनीतिक गलियारे में इस इस्तीफे के पीछे जीतन राम मांझी की बीजेपी की साथ हुई डील को कारण माना जा रहा है.
बताया जा रहा है कि डील में पिता जीतन राम मांझी को राज्यपाल तो बेटे डॉ. संतोष सुमन को लोकसभा टिकट ऑफर की गई है. इस डील को लेकर बिहार की राजनीति में खूब चर्चा चल रही है. हालांकि इस पर भाजपा और हम पार्टी की तरफ से कोई प्रतिक्रिया अभी सामने नहीं आई है.
बिहार में दलित और महादलितों के वोट को साधने की कवायद
भाजपा की प्लानिंग लोकसभा चुनाव के दौरान बिहार (Bihar Politics) में दलित और महादलितों के वोट को साधने की है. केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस की पार्टी राष्ट्रीय लोजपा और सांसद चिराग पासवान की पार्टी लोजपा (रामविलास) पहले से भाजपा के साथ हैं.
अब बड़ी डील करके जीतन राम मांझी और उनकी पार्टी को भाजपा अपने पाले में ले आई है. पार्टी सूत्रों का दावा है कि जल्द ही VIP पार्टी और उसके नेता मुकेश सहनी को फिर से NDA का हिस्सा बना लिया जाएगा. केंद्र सरकार ने मुकेश सहनी को इसी साल फरवरी महीने में ‘Y प्लस’ की सुरक्षा दी थी. भाजपा को विश्वास है कि इन नेताओं के जरिए वो बिहार में दलित और महादलितों के वोट को NDA के पक्ष में ला पाएगी.