द भारत: Bihar politics: बिहार विधान मंडल का मानसून सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है. यह सत्र पांच दिनों तक चलेगा सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था है दूसरी तरफ सरकार को घेरने के लिए विपक्ष की दमदार तैयारी है. 2023 में लोकसभा चुनाव होने वाला है और इसको लेकर राजनीतिक कवायद तेज है.
राजनीतिक पार्टियां चुनावी मोड में आ गई हैं. इसलिए इसका असर साफ दिखने वाला है. खास तौर से उच्च सदन पर लोगों की नजर इसलिए रहनेवाली है कि शिक्षक नियुक्ति का मामला गर्म है. विधान परिषद को शिक्षक प्रतिनिधि की जगह है.
ये मुद्दे उठाएगी विपक्षी पार्टी
Bihar politics: विपक्षी पार्टी भाजपा तेजस्वी यादव पर सीबीआई चार्जशीट सहित नई शिक्षक नियमावली, शिक्षक बहाली, राज्य में विधि व्यवस्था, पुल टूटने की घटना आदि को मुद्दा बनाने वाली है. निम्न सदन बिहार विधान सभा और उच्च सदन बिहार विधान परिषद में सोमवार सो मानसून सत्र की शुरुआत होने के बाद शोक प्रकाश करके पहली पाली में ही कार्यवाही समाप्त कर दी जानी है.
तेजस्वी के बयान से गरमाएगी राजनीति
एक दिन पहले रविवार को तेजस्वी यादव, आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद के साथ पटना पहुंच चुके हैं. तेजस्वी ने कहा है कि ‘हम बीजेपी से डरनेवाले नहीं हैं और चार्जशीट मामले में कोई दम नहीं है। जब सर्जरी करेंगे तो बीजेपी को लोग कहां फेंकाएंगे पता भी नहीं चलेगा.’ तेजस्वी के इस बयान से भी राजनीतिक माहौल गरमाने के आसार हैं। हम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष कुमार सुमन कह चुके हैं कि नीतीश कुमार अपनी अंतरात्मा दिखाएं और तेजस्वी यादव से इस्तीफा लें। हम पार्टी महागठबंधन से अलग हो चुकी है. इसलिए हम के चारों विधायक विपक्ष में दिखेंगे.
परिषद में शिक्षकों का सवाल गूंजेगा
विधान परिषद में शिक्षा का सवाल इस बार किस तरह से उठता है इसका इंतजार सभी को है. खास कर नई शिक्षक नियमावली को लेकर शिक्षक निर्वाचन सहित अन्य तरीकों से आने वाले एमएलसी का रुख कैसा होता है यह देखना है. नियोजित शिक्षकों की लगातार मांग है कि उन्हें बिना शर्त राज्यकर्मी का दर्जा सरकार दे. इसको लेकर बिहार शिक्षक संघर्ष मोर्चा 11 जुलाई को धरना भी देगा. यह सवाल सदन में भी उठेगा.