द भारत: Bihar Politics: लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के लिए चाचा (पशुपति कुमार पारस) और भतीजा (चिराग पासवान) को साधने में मुश्किलें कम नहीं हैं. दो धड़े में बंटी लोजपा के बीच सीटों पर सामंजस्य बिठाने में भी दुश्वारियां हैं. राजग में सशर्त शामिल होने वाले चिराग भाजपा से यह दावेदारी कर चुके हैं कि हर हाल में उन्हें लोकसभा की हाजीपुर के अतिरिक्त पांच और सीटें चाहिए.
राज्यसभा की एक सीट वे अतिरिक्त मांग रहे. इधर, पारस हाजीपुर सीट को कतई छोड़ना नहीं चाहते. वे भाजपा से पांच सीटों की अपेक्षा पाले हुए हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में राजग में लोजपा को छह सीटें मिली थीं और उसके सभी प्रत्याशी विजयी रहे थे. पार्टी में विभाजन के बाद पारस के साथ चार सांसद आ गए. चिराग अपने खेमे में अकेले सांसद रह गए.
दोनों की राजनीतिक हैसियत नापेगी भाजपा
Bihar Politics: भाजपा चिराग और पारस की राजनीतिक हैसियत उनके आधार वोट से नाप रही है. यह इसलिए महत्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि पासवान की विरासत के दूसरे दावेदार पारस खुद को असली बता रहे हैं. भाजपा कतई नहीं चाहेगी कि चाचा-भतीजा अलग-अलग लड़ें और पासवान वोटों का बिखराव हो, क्योंकि भाजपा के लिए जितना उपेंद्र कुशवाहा और जीतनराम मांझी महत्वपूर्ण हैं, उतना ही पारस-चिराग भी.
Bihar Politics:भाजपा से खगड़िया, जमुई व समस्तीपुर सीट की होगी अदला बदली लोजपा (रामविलास) के एक पदाधिकारी ने बताया कि चिराग ने भाजपा से सीटों के साथ तालमेल में तीन सीटों को बदलने की मंशा जताई है. इनमें खगड़िया, जमुई और समस्तीपुर सीटें हैं.
चिराग भाजपा से जहानाबाद सीट मांग रहे हैं, ताकि वहां से पूर्व सांसद अरुण कुमार को उम्मीदवार बनाया जा सके. पार्टी के प्रधान महासचिव संजय पासवान लंबे अरसे से जमुई लोकसभा सीट के Bihar Politics: पार्टी प्रभारी हैं, उन्हें भी किसी सुरक्षित सीट से लड़ाने की बात है. वह सीट गोपालगंज हो सकती है.