द भारत: Bihar Politics: राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की बैठक से एक दिन पहले लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान सोमवार को एनडीए में शामिल हो गए. गौरतलब है कि दिन में पासवान ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी और तभी कयास लगाए जा रहे थे कि वे जल्द ही सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल हो सकते हैं.
शाह से मुलाकात के बाद के चिराग पासवान ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘आज नई दिल्ली में देश के गृह मंत्री अमित शाह से गठबंधन के मुद्दों को लेकर सकारात्मक चर्चा हुई.’’ वहीं, शाह ने भी ट्वीट कर कहा, ‘‘आज श्री चिराग पासवान से भेंट कर बिहार की राजनीति पर व्यापक चर्चा हुई.’’
क्या चाहते है चिराग?
चिराग के पिता और दिवंगत दलित नेता रामविलास पासवान के नेतृत्व में अविभाजित लोजपा ने 2019 में छह लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ा और बीजेपी के साथ सीट के बंटवारे के तहत उसे राज्यसभा की एक सीट भी मिली थी. युवा नेता चिराग चाहते हैं कि उनकी पार्टी में विभाजन के बावजूद भाजपा, उसी व्यवस्था पर कायम रहे. लोजपा में विभाजन के बाद बने दूसरे गुट राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख चिराग के चाचा और केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस हैं, जो सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा हैं.
कितनी सीटें मिलेंगी चिराग को
लोजपा (रामविलास) के सूत्रों ने कहा कि चिराग पासवान ने अपने गठबंधन को औपचारिक रूप देने से पहले बिहार में लोकसभा और विधानसभा सीट के अपने हिस्से के बारे में भाजपा के समक्ष स्पष्टता पर जोर दिया है. चिराग पासवान सीट के बंटवारे को अंतिम रूप देने के लिए भाजपा के साथ लगातार बातचीत कर रहे हैं. शाह से आज की उनकी मुलाकात को भी इसी कवायद के रूप में देखा जा रहा है. केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय इससे पहले चिराग पासवान से दो बार मुलाकात कर चुके हैं.
बता दें कि चिराग यह भी चाहते हैं कि भाजपा उन्हें हाजीपुर लोकसभा सीट दे, जो दशकों से उनके पिता का गढ़ रही है, लेकिन वर्तमान में संसद में पारस इस सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं. चिराग के चाचा ने भी इस सीट पर दावा करते हुए कहा है कि वही रामविलास पासवान के राजनीतिक उत्तराधिकारी हैं, ना कि चिराग. भाजपा भी दोनों पक्षों के बीच सुलह कराने के लिए काम कर रही है.