Spice Prices Hike: पिछले काफी समय से आम जनता के घर का बजट बिगड़ा हुआ है. जिसका कारण बढ़ती महंगाई है. पहले टमाटरों के भावों ने बवाल मचाया था. लेकिन धीरे-धीरे अन्य सब्जियां भी उसी कतार में आ गई. अब मसालों के दाम में भी वृद्धि होने की आशंका जताई जा रही है. पिछले कुछ दिनों से जीरे की कीमत में आग लगी हुई है. सालाना आधार पर पिछले महीने जीरे की खुदरा कीमतों में 75 फीसदी की वृद्धि हुई है. सब्जियों और मसालों की कीमतों में वृद्धि के पीछे का कारण बिगड़ता मौसम बताया जा रहा है.
ये भी पढ़े: आज से इन 7 नियमों में होने जा रहा है बड़ा बदलाव, आपकी जेब पर पड़ेगा सीधे असर
क्यों हो रहा नुकसान ?
कई राज्यों में अभी भी भारी बारिश हो रही है. पहले ही कई राज्यों में बाढ़ जैसे हालातों के कारण यातायात प्रभावित हुआ था. जिसके कारण सही समय पर सब्जियां एक स्थान से दुसरे स्थान पर पहुंचाने में परेशानी का सामना करना पड़ा. साथ ही बारिश के कारण फसलों को भारी नुकसान हुआ. इस बार भारी बारिश के कारण जीरे की फसल को लगभग 40 प्रतिशत की क्षति हुई है. जीरे की फसल एक साल में एक बार ही होती है. इसी कारण इसके भाव और अधिक बढ़ते जा रहे हैं. अभी भी जीरे की कीमत में राहत दिखाई नहीं दे रही.
मसालों की कीमतों में लगेगी आग
बे मौसम बरसात, बाढ़ जैसे हालत और कई जगह हुई ओलावृष्टि कई फसलों के विनाश का कारण बनी. इसके कारण अभी तक कई किसान बुवाई तक नहीं कर पाए. इतना ही नहीं राजस्थान में तो भारी तूफान के कारण धनिया बेल्ट ही साफ हो गया. वहीं तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में इसका उलटा देखने को मिल रहा है. जहां कम बारिश के कारण मिर्च का उत्पादन प्रभावित हुआ है. साल की शुरुआत में जनवरी महीने के बाद मसलों की कीमतें कमजोर थी. लेकिन पिछले एक महीने से फिर से मसालों की कीमतों में वृद्धि देखने को मिल रही है.
कम उत्पादन के कारण कीमतों में लग रही आग
नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज लिमिटेड ने मसालों और सब्जियों की कीमतों के बारे में डेटा जारी किया था. जिसमें बताया गया कि जीरे के भाव में साल की शुरुआत से ही तेजी रिकॉर्ड की गई है. जीरे का उत्पादन साल 2019-20 में 9.12 लाख टन था. जो कम होकर साल 2020-21 7.95 लाख टन हुआ था. साल 2021-22 में जीरे का उत्पादन 7.25 लाख टन तक पहुंच गया.