Bihar News: IGIMS में इलाज और जांच फ्री होगी. यह फैसला सोमवार को बिहार (Bihar) सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट की बैठक में लिया गया है. नीतीश कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक में कुल 9 एजेंडों पर मुहर लगी है. कैबिनेट ने राजस्व एवं भूमि सुधार, उद्योग विभाग, संसदीय कार्य विभाग, गृह विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग और स्वास्थ्य विभाग से जुड़े 9 प्रस्तावों पर अपनी स्वीकृति दी है.
नए एजेंडों के तहत 28 जिलों में ट्रैफिक थाने बनाए जाएंगे. इसे लेकर ट्रैफिक पुलिस के 4 हजार से ज्यादा पदों पर भर्ती की जाएगी है. अभी राज्य के 12 जिलों में पहले से ट्रैफिक थाने हैं. इसके अलावा लोकसभा चुनाव से पहले अल्पसंख्यक समुदाय के बीच पैठ बनाने को लेकर भी बड़ा फैसला लिया है.
साथ ही अल्पसंख्यक वर्ग के युवाओं को रोजगार देने के लिए मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक उद्यमी योजना की शुरुआत की जाएगी. इस योजना के तहत युवाओं को 10 लाख रुपए का लोन उपलब्ध कराया जाएगा. इसमें 50 फीसदी यानी पांच लाख रुपए लोन और 50 फीसदी यानी 5 लाख रुपए की अनुदान राशी दी जाएगी.
IGIMS में मुफ्त दवाई और इलाज
कैबिनेट अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने बताया कि IGIMS में मुफ्त इलाज के साथ-साथ दवाई उपलब्ध कराई जाएगी. इसके साथ ही मरीजों की जांच भी फ्री होगी. मरीजों को सिर्फ रजिस्ट्रेशन, डिलक्स रूम और प्राइवेट वार्ड में रहने का चार्ज लगेगा.
स्वास्थ्य विभाग के नोटिफिकेशन के बाद यह लागू हो जाएगा. डॉ. सिद्धार्थ ने बताया कि डॉक्टरों और कर्मियों को राज्य सरकार वेतन देती है. IGIMS मे हर साल 60 करोड़ रुपए का अतिरिक्त खर्च आएगा.
28 जिलों में बनेगा ट्रैफिक थाना, ड्रेनेज की बदलेगी सूरत
Bihar News: बिहार के 28 जिलों में ट्रैफिक थाना की स्थापना को सरकार ने हरी झंडी दे दी है. 28 ट्रैफिक थानों के लिए कुल 4 हजार 215 पदों पर बहाली निकाली जाएगी. अपर मुख्य सचिव ने बताया कि बिहार के सभी जिलों में ट्रैफिक थाने बनाए जा रहें हैं.
साथ ही पटना के गांधी मैदान, बायपास और सगुना मोड़ ट्रैफिक थाने का पूर्नगठन किया जाएगा. गया में ट्रैफिक थाने के जुडिसियर में बदलाव किया गया है. सरकार के इस फैसले के बाद राज्यभर के सभी जिलों में ट्रैफिक व्यवस्था चुस्त दुरुस्त होने की संभावना है.
कैबिनेट अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ के मुताबिक, छपरा के ड्रेनेज की सूरत बदलेगी. इसके लिए 197 करोड़ रुपए के खर्च आएगा. साथ ही रेड क्रॉस सोसाइटी की जमीन पटना मेट्रो को दी गई है.