Cast Census: बिहार में हुए जातीय गणना के आंकड़े आज जारी हो सकते हैं. दोपहर एक बजे इसे मीडिया के सामने लाया जाएगा. बिहार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने इसे लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी इसके संकेत दिए हैं. मुख्यमंत्री आज पटना के गांधी मैदान पहुंचे थे, वहां पत्रकारों ने उनसे जातीय गणना के आंकड़ों पर सवाल किया. उन्होंने कहा कि अब जल्दी ही जातीय गणना का आंकड़ा रिलीज हो जाएगा. चिंता मत कीजिए.
अभी हमसे कुछ भी मत पूछिए. जैसे ही जिसको जिम्मा दिया गया है, वह तैयार होकर के जिस दिन भी कर देगा, उसके बाद ही ना सब लोग जानिएगा. इसलिए मेरे लिए कुछ भी बोलना उचित है, लगभग तैयार है जहां तक हमको मालूम है. अब वह अपना घोषित करेगा और जब घोषित कर देगा तो लोगों को जानकारी मिल जाएगी, बहुत अच्छा होगा.
दो फेज में पूरी हुई है बिहार में जाति आधारित गणना
पहला फेज: 7 जनवरी से गणना (Cast Census) का पहला चरण शुरू हुआ था. इस चरण में मकानों की सूचीकरण, मकानों को गिना गया. यह चरण 21 जनवरी 2023 को पूरा कर लिया गया था.
दूसरा फेज: 15 अप्रैल से शुरू हुआ
जातीय गणना का दूसरा चरण 15 अप्रैल से शुरू हुआ था. जिसे 15 मई को पूरा हो जाना था. लोगों से डेटा जुटाए गए. दूसरे चरण में परिवारों की संख्या, उनके रहन-सहन, आय आदि के आंकड़े जुटाए गए.
इसी बीच मामला कोर्ट चला गया
कोर्ट का फैसला आने तक जातिगत गणना के दूसरे फेज का काम तकरीबन 80 फीसदी पूरा हो चुका था. तभी पटना हाईकोर्ट के दखल के बाद 4 मई को जातिगत गणना रोक दी गई. एक अगस्त को पटना हाईकोर्ट ने गणना के खिलाफ सभी याचिकाएं खारिज कर दी थीं.
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि सरकार चाहे तो गणना करा सकती है. इसके तुरंत बाद नीतीश सरकार ने जातीय गणना को लेकर आदेश जारी कर दिया था. सरकार ने सभी डीएम को आदेश दिया कि हाईकोर्ट के फैसले के आधार पर जातीय गणना के बचे काम को पूरा करें.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अनुसार बिहार सरकार जातीय गणना नहीं, सिर्फ लोगों की आर्थिक स्थिति और उनकी जाति से संबंधित जानकारी लेना चाहती है. जिससे उनकी बेहतरी के लिए योजना बनाई जा सके. सरकार उन्हें बेहतर सेवा देने के लिए एक ग्राफ तैयार कर सके.