Cast Census: केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के नेता गिरिराज सिंह ने बिहार में जारी हुए जातिगत सर्वे के आंकड़े को भ्रम फ़ैलाने का प्रयास बताया है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को अपने कार्यकाल में हुए विकास कामों का रिपोर्ट कार्ड पेश करना चाहिए था. इसके बजाए जाति सर्वे के नतीजे पेश किए गए हैं.
गिरिराज सिंह ने कहा, ” जातीय जनगणना (Cast Census) बिहार की जनता में, गरीबों में भ्रम फैलाने के अलावा कुछ नहीं है.” उन्होंने कहा, ” इन्हें रिपोर्ट कार्ड देना चाहिए था कि 33 साल, 18 साल नीतीश बाबू और 15 साल लालू यादव, ये दोनों ने मिलकर राज किया और गरीबों का क्या उद्धार किया?”
मंत्री ने कहा कि इन्हें बताना चाहिए, “कितने लोगों को नौकरी दी? कितने लोगों की हालत सुधरी? ये रिपोर्ट कार्ड होना चाहिए. अब ये रिपोर्ट कार्ड जाति जनगणना का देकर के भ्रम फैलाने के सिवाय और कुछ नहीं किया गया है.”
बिहार सरकार ने अब से कुछ देर पहले जातिगत सर्वे के आंकड़े पेश किए हैं. इसके मुताबिक बिहार की कुल आबादी 13 करोड़ से ज़्यादा है. सामान्य वर्ग की आबादी करीब 15.52 फ़ीसदी, पिछड़ा वर्ग करीब 27 फ़ीसदी और अति पिछड़ा वर्ग की आबादी करीब 36 फ़ीसदी है.
7 जनवरी 2023 से 31 जनवरी 2023 तक मकानों का नंबरीकरण किया गया
आपको बात दें की इसके तहत 7 जनवरी 2023 से 31 जनवरी 2023 तक मकानों का नंबरीकरण किया गया और लिस्ट बनाई गई. दूसरे चरण में राज्य के सभी व्यक्तियों की जनगणना का काम 15 अप्रैल 2023 को शुरू किया गया.
इसमें जिला स्तर के पदाधिकारियों को अलग अलग ज़िम्मेदारियां दी गईं और युद्ध स्तर पर ये कार्य संपन्न हुआ. 5 अगस्त 2023 को सारे आंकड़े बनाकर मोबाइल ऐप के जरिए उसे जमा किया गया.
“बिहार में कुल सर्वे परिवारों की कुल संख्या दो करोड़ 83 लाख 44 हजार 107 है इसमें कुल संख्या 13 करोड़ 7 लाख 25 हजार 10 है.