PACL Scam News: नई पीढ़ी के युवाओं में से निर्मल सिंह भंगू का नाम शायद बहुत युवाओं ने नहीं सुना होगा. दिल्ली एनसीआर में कुछ समय पहले ही इस व्यक्ति ने लोगों से 60,000 करोड रुपए जुटा लिए थे. एक रियल स्टेट कंपनी के नाम पर बटोरे गए यह पैसे रियल एस्टेट कंपनी बनाकर जमीन खरीदने के लिए एडवांस के रूप में दिखाता था. निर्मल सिंह भंगू काफी समय तक अपने इस फर्जी वाले को चलाता रहा और देश भर के करीब 6 करोड लोगों से 50,000 करोड रुपए जुटा लिए.
निवेश के नाम पर रकम देने वाले लोग इसे एफडी की तरह देख रहे थे. उन्हें लग रहा था कि वह पैसा एक स्कीम में जमा कर रहे हैं और उस पैसे से खरीदी गई जमीन की कीमत बढ़ने या उसे कॉलोनी के रूप में बनाकर बेचने के बाद वह अपना मुनाफा काट सकते हैं.
दूध बेचने से लेकर PACL तक
काफी दिनों तक यह सिलसिला चलता रहा, लेकिन जिस तरह हर गलत काम का अंजाम निकलता है वैसे ही निर्मल सिंह मंगू की पर्ल ग्रुप का भी भांडा फूट गया. निर्मल सिंह भंगू पहले दूध बेचने का काम करता था. इसके बाद उसने रियल स्टेट कंपनी खोली और यह कंपनी लोगों से पैसे लेकर देश भर में जमीन खरीदती थी. जब इन जमीन के रेट बढ़ जाते तो उसे बेचकर यह लोगों को 12.5 फ़ीसदी ब्याज के साथ पैसे लौटा देता था. भारत के पूंजी बाजार नियामक सेबी ने इस बात पर सवाल भी उठाया था कि आप रियल स्टेट कंपनी होकर निवेश फर्म की तरह काम क्यों कर रहे हैं.
कोर्ट ले जाकर मामले को लटकाया
भंगू की कंपनी पीएसीएल इस मामले को लेकर कोर्ट चली गई. कोर्ट में करीब 8 साल तक इस मामले के चलने के बीच पीएसीएल का आकार 100 गुना तक बड़ा हो गया. 6 करोड लोगों से पीएसीएल ने 49100 करोड रुपए जुटा लिए थे. पीएसीएल ने देश भर में 1.83 लाख एकड़ जमीन खरीद ली. यह यह जमीन इतनी बड़ी है इसमें नोएडा जैसे चार शहर समा सकते हैं.
ब्रेट ली से कराया एड
साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने पीसीएल के खिलाफ फैसला सुनाया और एक झटके में निवेशकों का पैसा जप्त हो गया. पीएसीएल के पास करीब 30 लाख एजेंट थे जिनके जरिए वह कामकाज करती थी. जब ब्याज के साथ कंपनी लोगों के पैसे वापस नहीं दे पाती तो वह लोगों को देश में कहीं भी जमीन ऑफर करती थी. एक जमाने में दिग्गज क्रिकेटर ब्रेट ली से पर्ल ग्रुप ने विज्ञापन कराया. निर्मल सिंह भंगू के पर्ल ग्रुप का घोटाला खुलने के बाद यह 60000 करोड रुपए का एक फर्जी वाड़ा निकला.
मिल रहे हैं पैसे वापस!
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जस्टिस आरएम लोढ़ा की अगुवाई में एक समिति गठित की गई और इसकी सिफारिश पर निवेशकों को पैसे वापस भी दिए गए. जिन लोगों के पास PACL में निवेश के दस्तावेज हैं उनमें से कुछ लोगों को पैसे वापस किए गए हैं और बहुत से लोगों को पैसे वापस किए जाने बाकी हैं. अभी अभी तक पर्ल ग्रुप के उन निवेशकों को पैसे वापस दिए गए हैं जिनका क्लेम ₹17000 का तक का था. अब ₹17000 से ₹19000 तक के क्लेम वाले लोगों से पैसे वापस देने के लिए आवेदन मांगे जा रहे हैं. हालांकि पैसे वापस देने के लिए जो आवेदन मांगे जा रहे है वह इस लिंक ( https://www.sebipaclrefund.co.in/)के माध्यम से आप आवेदन कर सकते हैं.