इस रविवार जब भारतीय टीम धर्मशाला (Dharamshala stadium) में न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ एक लीग मैच में उतरेगी तो पिछले विश्व कप में मिली खट्टी हार की यादें लगभग सभी के मन में एक-दो दफ़ा तो आ ही चुकी होंगी. उस सेमीफ़ाइनल में न्यूज़ीलैंड के 239 रनों का पीछा करते हुए टॉप ऑर्डर बल्लेबाज़ों के स्कोर कुछ ऐसे थे:
केएल राहुल – 1 रन, रोहित शर्मा – 1 रन, विराट कोहली- 1 रन, दिनेश कार्तिक- 6 रन. ऋषभ पंत और हार्दिक पंड्या ने 32-32 रनों की पारी खेली थी और धोनी बड़ी मुश्किल से धीमी पारी खेल कर 50 रन बना पाए थे और अपने प्राइम फ़ॉर्म से कोसों दूर थे. सिर्फ़ रवींद्र जाडेजा ने तेज़ी से खेलते हुए महज़ 59 गेंदों में 77 रन जोड़े थे लेकिन वो काफ़ी नहीं थे.
नया दिन, नया मुक़ाबला
इस बात को चार साल हो चुके हैं और 2023 के वनडे विश्व कप की मेज़बानी भारत के पास है. टूर्नामेंट की शुरुआत भी तगड़ी हुई है. शुरुआती चार मैचों में से भारत चारों जीत चुका है जिसमें अफ़ग़ानिस्तान और बांग्लादेश को हराने के अलावा टीम ने पूर्व चैम्पियन रह चुकीं ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान की टीमों को सुकून से मात दी.
न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ मुक़ाबले के लिए भारतीय ख़ेमे में एक बड़ी चिंता ज़रूर है. पिछले मैच में गेंदबाज़ी के दौरान हार्दिक पंड्या के टखने में चोट लगी थी और वे इस मैच के लिए उपलब्ध नहीं हैं. भारतीय टीम मैनेजमेंट के सामने विकल्प चंद ही हैं. ऑल-राउंडर हार्दिक पंड्या की जगह या तो बल्लेबाज़ सूर्यकुमार यादव को खिलाएँ और शार्दुल ठाकुर की जगह अश्विन या मोहम्मद शमी को जगह दें.
हार्दिक की जगह किसे मिलेगी
अश्विन को जगह देना थोड़ा मुश्किल तब साबित हो सकता है जिस सूरत में भारतीय टीम को दूसरी पारी में गेंदबाज़ी करनी पड़ी तो शाम के बाद इस पहाड़ी स्टेडियम में ओस की वजह से गेंद स्किड करती है और स्पिनर को मुश्किल होती है. उधर शार्दुल ठाकुर की जगह मोहम्मद शमी को खिलाने से टीम की बल्लेबाज़ी थोड़ी कमज़ोर होती है.
धर्मशाला (Dharamshala stadium) की पिच तेज़ गेंदबाज़ी के लिए बेहतरीन बताई जा रही है और गेंदबाज़ों को ग्राउंड की दोनों तरफ़ की बाउंड्री जो 85 और 75 मीटर है उसका सपोर्ट भी मिलेगा. इसलिए आम राय यही दिख रही है कि टॉस जीतने वाली टीम को पहले गेंदबाज़ी करनी चाहिए. बहरहाल, न्यूज़ीलैंड के पूर्व विकटकीपर-बल्लेबाज़ इयान स्मिथ को लगता है कि ‘भारत के लिए एक अच्छा मौक़ा भी हो सकता है.’
उन्होंने कहा, “देखिए, बड़े टूर्नामेंट में जब टीमें जीतती रहती हैं तो वे अपना विनिंग कॉम्बिनेशन बदलने में हिचकिचाती हैं. लेकिन खिलाड़ियों की चोट वग़ैरह से नए कॉम्बिनेशन ट्राई करने की मजबूरी भी आ जाती है जो बेहद ज़रूरी है, अगर आप क़रीब दो महीने चलने वाले टूर्नामेंट की टॉप टीमों में से एक हैं तो.
न्यूज़ीलैंड का कॉन्फ़िडेन्स
न्यूज़ीलैंड के लिए ये मैच इसलिए भी अहम है क्योंकि अभी तक के टूर्नामेंट में अगर किसी टीम ने उसे अंक तालिका में चुनौती दी है तो वो भारत ही है. हालाँकि, दोनों ही टीमों से अपने चारों शुरुआती मैच जीते हैं लेकिन रन रेट के आधार पर न्यूज़ीलैंड शीर्ष पर है और भारत दूसरे स्थान पर. न्यूज़ीलैंड के खिलाड़ी मिचेल सैंटनर पिछली जीत के बाद भारत के साथ होने वाले मुक़ाबले पर ख़ासे सजग दिखे. उन्होंने कहा, “होम कंडीशन्स में भारत एक बहुत ही मज़बूत टीम है और फ़िलहाल वे टॉप क्रिकेट भी खेल रहे हैं”.
वैसे इस टूर्नामेंट में भारत की तरह न्यूज़ीलैंड की टीम एक चीज़ बख़ूबी कर रही है. वो है मध्य ओवरों के दौरान कसी हुई तेज़ गेंदबाज़ी जिससे विकट भी मिल रहे हैं और विपक्षी दबाव में भी आ रहे हैं. केन विलियम्सन की चोट की वजह से कप्तानी कर रहे टॉम लेथम ने मैट हेनरी और लॉकी फ़र्ग्यूसन का सफलतापूर्वक इस्तेमाल किया है. बल्लेबाज़ी में कप्तान लेथम के अलावा टीम को कॉनवे, विल यंग, रचिन रवींद्र और ग्लेन फ़िलिप्स ने समय-समय पर ठोस पारियाँ दी हैं जिससे न्यूज़ीलैंड न सिर्फ़ बड़े स्कोर खड़े कर सकी है बल्कि उसकी रन गति का औसत भी ख़ासा तेज़ रहा है.
कैसा रहेगा मौसम
बहरहाल, रविवार सुबह से सभी का ध्यान खेल के मैदान के अलावा ऊपर आसमान पर भी रहेगा. मौसम विभाग के अनुसार धर्मशाला (Dharamshala stadium) में पूरे दिन बादल छाए रहेंगे और दोपहर दो से चार बजे के बीच में बारिश की भी सम्भावना बन सकती है जिससे न सिर्फ़ टॉस आगे खिसक सकता है बल्कि मैच छोटा भी किया जा सकता है. दक्षिण अफ़्रीका और नीदरलैंड्स के बीच इस मैदान पर हुए पिछले मैच को बारिश के चलते 43 ओवर प्रति टीम का करना पड़ा था.