भारत के दिग्गज उद्योगपति और दुनिया के रईस कारोबारी की सूची में तीसरे नंबर पर पहुंच चुके गौतम अडानी (Gautam Adani) की मुसीबतें बढ़ने वाली हैं. केंद्र सरकार गौतम अडानी ग्रुप (Gautam Adani Group) के कोयला आयात मामले की जांच दोबारा शुरू कर सकती है. हाल में ही सामने आई एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. भारत की जांच एजेंसियां गौतम अडानी ग्रुप के कोयला आयात की कीमत को बढ़ा चढ़ा कर दिखाने के मामले की दोबारा जांच कर सकती हैं. एजेंसियों ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि उन्हें सिंगापुर से इस बारे में तथ्य और दस्तावेज़ जुटाने की अनुमति दी जाए.
गौतम अडानी (Gautam Adani) ग्रुप की कंपनियों पर आरोप है कि उन्होंने सालों तक आयातित कोयले की कीमत बढ़ा चढ़ा कर गुजरात और महाराष्ट्र की बिजली कंपनियों को हजारों करोड रुपए का चूना लगाया है. इस जांच के बाद यह मामला साफ हो जाने की उम्मीद है. रेवेन्यू इंटेलिजेंस महानिदेशालय ने साल 2016 से ही अडानी ग्रुप और सिंगापुर प्रशासन के बीच हुए ट्रांजैक्शन के दस्तावेज जुटाने की कोशिश की थी.
एजेंसी को आशंका है कि अडानी ग्रुप के इंडोनेशिया से मंगाए गए कोयला शिपमेंट को पहले सिंगापुर यूनिट में अधिक कीमत में दर्ज किया गया, उसके बाद इसे भारत को भेजा गया.
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दस्तावेज़ देखने देने में क्या परेशानी
अडानी एंटरप्राइजेज और इसकी सहयोगी कंपनियों ने भारत और सिंगापुर में इन दस्तावेजों को नहीं जाहिर करने से संबंधित लड़ाई जीत ली थी. गौतम अडानी ग्रुप ने कहा है कि इस मामले में कोई गड़बड़ी नहीं है और पोर्ट से रिलीज किए जाने से पहले भारतीय अधिकारियों ने कोयले की शिपमेंट और उसकी कीमत का आकलन कर लिया था. 9 अक्टूबर के एक लीगल फीलिंग में रेवेन्यू इंटेलिजेंस ने भारत के सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि वह निचली अदालत के उसे आदेश को खारिज कर दें जिसमें आदेश दिया गया था कि अडानी ग्रुप सिंगापुर में मौजूद दस्तावेज प्रशासन को देने के लिए बाध्य नहीं है.
कोयले के भाव से बिजली की दर लिंक्ड
वास्तव में पिछले 5 सालों में गुजरात ऊर्जा विकास निगम ने अडानी पावर से बिजली खरीद के लिए जो समझौता किया था उसमें इंडोनेशिया से कोयला आयात करने की एक शर्त रखी गई थी कि अगर कोयले की कीमत बढ़ती है तो अडानी पावर बिजली के भाव बढ़ा सकती है. पिछले 5 सालों के दौरान कोयले के भाव में बदलाव की पुख्ता जानकारी और सबूत दिए बिना अडानी पावर ने गुजरात ऊर्जा विकास निगम से बिजली के अधिक भाव वसूल लिए हैं. इस प्रक्रिया में उसके पास करीब 3900 करोड़ रुपए अधिक आ गए हैं.
गुजरात ऊर्जा विकास निगम की रिकवरी
अब गुजरात ऊर्जा विकास निगम ने अडानी पावर से इस पैसे की रिकवरी के लिए नोटिस भेजा है. 15 मई 2023 को लिखे एक पत्र में गुजरात ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड ने कहा है कि अडानी पावर पैसे लौटाने के इस मामले में सहयोग नहीं कर रही है और वह इंडोनेशिया से कोयले के आयात से संबंधित विस्तृत जानकारी देने में असफल रही है.
अडानी पावर पर आरोप
गुजरात ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड ने यह भी आरोप लगाया था कि इंडोनेशिया में वास्तव में उस समय कोयले का जो भाव था, अडानी पावर ने उससे महंगी दर पर कोयला आयात करने की जानकारी दी है. आरोप है कि अडानी पावर इंडोनेशिया से उन ग्राहकों से कोयला खरीद रही थी जो उसे महंगे दर पर कोयला बेच रहे थे. कोयले की बाजार कीमत इसकी तुलना में काफी कम थी.