बिहार में बढ़ती सियासी हलचलों (Bihar Politics Crisis) के बीच सीएम नीतीश कुमार राजभवन में नज़र आए हैं. नीतीश गणतंत्र दिवस से जुड़े कार्यक्रम में शामिल होने के लिए राजभवन पहुंचे हैं. इस कार्यक्रम में पूर्व सीएम जीतनराम मांझी भी मौजूद हैं. हालांकि ख़बर लिखे जाने तक इस कार्यक्रम में तेजस्वी यादव नहीं पहुंचे हैं.
ख़बरों में दावा किया जा रहा है कि नीतीश कुमार अपना सियासी पाला बदल सकते हैं. और एक बार फिर से सीएम पद की शपथ ले सकते हैं. हालांकि इस बारे में औपचारिक तौर पर कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है.
बिहार में सियासी हलचलें तेज़ हुई हैं.
ख़बरों में कहा जा रहा है कि सीएम नीतीश कुमार एक बार फिर सियासी पाला बदल सकते हैं. हालांकि इस बारे में स्पष्ट या औपचारिक तौर पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है. शुक्रवार को राजभवन में गणतंत्र दिवस के समारोह में भी नीतीश कुमार समेत कई राजनीतिक दलों के नेता पहुंचे. इस मौक़े पर तेजस्वी यादव राजभवन नहीं पहुंचे थे. इस बारे में जब नीतीश कुमार से पूछा गया तो वो बोले- जो नहीं आए हैं, उन्हीं से पूछिए.
नीतीश कुमार से पत्रकारों ने बीजेपी के साथ जाने से जुड़े भी सवाल पूछे.
मगर नीतीश कुमार ने इन सवालों को अनसुना कर दिया. आरजेडी सांसद मनोज कुमार झा ने मीडिया से कहा, ‘मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आग्रह है कि गठबंधन के बारे में जो कयास लगाए जा रहे हैं, वो उसको शाम तक दूर कर दें क्योंकि वही गठबंधन के मुखिया हैं. इसके जवाब में जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार बोले, “नीतीश कुमार असमंजस की राजनीति नहीं करते. नीतीश कुमार राज्य के निर्वाचित मुख्यमंत्री हैं और रहेंगे.
नीतीश कुमार अपने सरकारी आवास पर कर रहे बैठक
सूत्रों से मिली ताजा जानकारी के अनुसार बिहार के वर्तमान राजनीतिक स्थिति को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने सरकारी आवास पर बैठक कर रहे है. बैठक में जदयू के सीनियर नेता वशिष्ठ नारायण सिंह, अशोक चौधरी, ललन सिंह और विजय चौधरी भी मौजूद हैं. बताया जा रहा है कि कल यानि शनिवार को जदयू विधायक दल की बैठक हो सकती है.
राबड़ी आवास पर हलचल तेज, बड़े नेता पहुंचने लगे
वही इस सियासी घमासान (Bihar Politics Crisis) के बीच राबड़ी आवास पर फिर हलचल तेज हो गई है. आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव, डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से मिलने अब्दुलबारी सिद्दीकी, राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक और राष्ट्रीय महासचिव और वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी लालू पहुंचे हैं. पार्टी नेताओं से चर्चा के बाद आगे की रणनीति तय होगी.