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हेमंत सोरेन की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित, जाने कोर्ट ने क्या कहा

जमीन घोटाला मामले में पीएमएलए की विशेष अदालत में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की जमानत याचिका पर बुधवार को करीब 1 घंटे तक सुनवाई हुई। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। हालांकि, फैसले की तारीख अभी तय नहीं हुई है।


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इससे पहले 23 अप्रैल को हेमंत सोरेन की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई थी। इस सुनवाई के दौरान ED ने कोर्ट में जवाब दाखिल करने के लिए और समय मांगा था। कोर्ट ने समय देते हुए सुनवाई की तारीख 1 मई तय की थी।

पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रांची की विशेष पीएमएलए अदालत में जमानत याचिका दाखिल की थी। इस याचिका पर कोर्ट ने उन्हें अंतरिम जमानत देने से इनकार किया था। हेमंत सोरेन के पिता और झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन के भाई राम सोरेन का शनिवार (27 अप्रैल) सुबह निधन हो गया था। वह लंबे अरसे से बीमार चल रहे थे। चाचा के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए हेमंत सोरेन ने जमानत की अपील की थी।

अब तक 8 लोगों की हो चुकी है गिरफ्तारी

जमीन घोटाला मामले में झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन समेत कई लोगों पर शिकंजा कसा गया है। अब तक इस मामले में 8 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ ही अफसर अली, भानु प्रताप प्रसाद, झामुमो नेता अंतु तिर्की, ठेकेदार विपिन सिंह, जमीन कारोबारी प्रियरंजन सहाय, मो सद्दाम, इरशाद शामिल हैं।

पूछताछ में सामने आए कई तथ्य

ED ने झामुमो नेता अंतु तिर्की, जमीन कारोबारी अफसर अली, विपिन सिंह, प्रिय रंजन सहाय और इरशाद अख्तर से पूछताछ की है। जांच एजेंसी ने आमने-सामने बैठाकर भी इन आरोपियों से पूछताछ की थी। ED सूत्रों के अनुसार, पूछताछ में इन्होंने स्वीकार किया है कि जमीन के दस्तावेज में जालसाजी की गई है।

रांची में 8.86 एकड़ जमीन से जुड़ी है जांच

सोरेन के खिलाफ जांच रांची में 8.86 एकड़ जमीन से जुड़ी है। ईडी का आरोप है कि इसे अवैध रूप से कब्जे में लिया गया था। पूर्व मुख्यमंत्री के कथित सहयोगी बिनोद सिंह के खिलाफ 30 मार्च को यहां विशेष पीएमएलए अदालत में आरोप पत्र दायर किया था। सोरेन ने रांची की एक विशेष अदालत के समक्ष जमानत याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने यह आरोप लगाया कि उनकी गिरफ्तारी राजनीति से प्रेरित और उन्हें भाजपा में शामिल होने के लिए मजबूर करने की एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा थी।

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