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Buxar District : बक्सर जिले में कितने गाँव हैं, जाने प्रखंडों के नाम और उनमें पंचायतों की कुल संख्या

बक्सर जिला (Buxar District) बिहार राज्य का एक ग्रामीण स्थानीय निकाय है. बक्सर जिला पंचायत क्षेत्राधिकार के अंतर्गत कुल 11 पंचायत समितियाँ, 142 ग्राम पंचायतें और 1132 गाँव हैं. यह जिला 1991 में अस्तित्व में आया था.

बक्सर ज़िले में कुल 11 प्रखंड हैं, जिनमें से 7 प्रखंड डुमरांव अनुमंडल में और 4 प्रखंड सदर अनुमंडल में हैं. बक्सर ज़िले में कुल 1142 गांव हैं. ईसे 11 सामुदायिक विकास खंडों में बांटा गया है, जिन्हें बक्सर और डुमरांव में स्थित 2 उप विभागों में बांटा गया है. एक उप-विभाग का नेतृत्व एक एसडीएम करता है और एक ब्लॉक का नेतृत्व एक प्रखंड विकास अधिकारी (बीडीओ) करता है.


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बक्सर ज़िले की चौहद्दी

  1. पूरब में भोजपुर (आरा) जिला से सटा हुआ है.
  2. पश्चिम में उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिला से सटा हुवा है.
  3. उत्तर में उत्तर प्रदेश का बलिया जिला से सटा हुवा है.
  4. दक्षिण में रोहतास जिला से सटा हुवा हैं.

बक्सर ज़िले के प्रखंडों के नाम और उनमें पंचायतों की संख्या

जिले में कुल मिलकर 11 प्रखण्ड है. सभी प्रखंडों के सामने पंचायत की संख्या, नीचे के विवरण में दी गई हैं.

  1. बक्सर – 16 पंचायतें
  2. इटाढ़ी – 15 पंचायतें
  3. राजपूर – 19 पंचायतें
  4. चौसा – 10 पंचायतें
  5. नावानगर – 16 पंचायतें
  6. ब्रहमपुर – 18 पंचायतें
  7. केसठ – 3 पंचायतें
  8. चक्की – 4 पंचायतें
  9. चौगाई – 5 पंचायतें
  10. सिमरी – 20 पंचायतें
  11. डुमराव – 16 पंचायतें

बक्सर प्रखंड में कितने गांव हैं?

इस ज़िले (Buxar District) में कुल 11 प्रखंड हैं, जिनमें से 7 प्रखंड डुमरांव अनुमंडल में और 4 प्रखंड सदर अनुमंडल में हैं. इस ज़िले में कुल 1142 गांव हैं.

अनुमंडल का नाम प्रखंड का नाम शहर का नाम
बक्सर बक्सर
इटाढ़ी
राजपूर
चौसा
बक्सर नगर परिषद
डुमराव डुमराव
नावानगर
ब्रहमपुर
केसठ
चक्की
चौगाई
सिमरी
डुमरांव नगर परिषद

बक्सर में विधान सभा और लोकसभा की सीटें

इस जिले (Buxar District) में कुल चार विधानसभा और एक लोकसभा सीट है. चार विधानसभा में बक्सर, राजपुर, डुमरांव और ब्रहमपुर, शामिल है. वही लोकसभा सीट की बात करें तो इसमे इसका दायरा बढ़ जाता हैं. जिनमें बक्सर, राजपुर, डुमरांव, ब्रहमपुर, रामगढ़ और दिनारा तक का क्षेत्र शामिल हो जाता हैं.

भौगोलिक विवरण

जिले में दो अनुमंडल है. पहला बक्सर एवं दूसरा डुमरांव, जो कि 162380 वर्ग किलोमीटर में विस्तृत है. संपूर्ण भूमि पटल उत्तर में गंगा नदी एवं दक्षिण में उत्तर मध्य रेलवे के मध्य में है, यह एक निम्न एवं समतल मृदा का भूमि है. यह क्षेत्र राज्य में गेहूं उत्पादन के लिए सर्व श्रेष्ठ माना जाता है.

जलवायु परिस्थिति

इस जिले की जलवायु मध्यम प्रकृति की है. ग्रीष्म ऋतु मार्च के मध्य से प्रारंभ होती है, जब गर्म पछुआ हवाएं दिन के समय बहना प्रारंभ होती है. अप्रैल एवं मई का महीना अत्यधिक गर्म होता है. सामान्यता मानसून जून महीने के तीसरे सप्ताह में सक्रिय होता है एवं बीच-बीच के अंतराल के साथ सितंबर महीने के अंत तक रहता है.

ठंड का मौसम नवंबर के माह से प्रारंभ होकर मार्च माह के प्रारंभ तक रहता है. जनवरी सबसे ठंडा माह है, जब तापमान 10 डिग्री तक नीचे चली जाती है. अप्रैल महीने से लेकर मानसून आने तक इस जिले में कभी कभार चमक के साथ आंधी तूफान भी आता है.

वर्षापात

याहा बारिश जून से शुरू होती है, जिससे तापमान में कमी आती है और आद्रता में वृद्धि हो जाती है. इस जिले में अधिकतम वर्षा जुलाई एवं अगस्त के मध्य पड़ती है. अक्टूबर महीने में हल्की बारिश होती है, परंतु नवंबर एवं दिसंबर महीने में सूखे रहते है.

खाद्यान एवं खनिज

इस जिले (Buxar District) में खनिजों की मात्रा नगण्य है.

औद्योगीकरण

  1. बक्सर जिला (Buxar District) में विभिन्न प्रकार के लघु एवं कुटीर उद्योग उवस्थित है जिसका विवरण निम्नवत है
  2. साबुन उद्योग: यह मुख्य रूप से बक्सर एवं डुमराव शहर में सकेंद्रित है.
  3. लकड़ी एवं कास्ट उद्योग: यह मुख्य रूप से बक्सर में डुमराव शहर में स्थित है.
  4. चमड़ा उद्योग: पूरे जिले में चर्मकार है. इसका संकेंद्रण मुख्य रूप से बक्सर अनुमंडल के खिलाफतपुर गांव में है जो जूते  बनाते है. यह लोग उद्योग विकास विभाग से सहयोग भी प्राप्त करते है.

जीवन यापन

बक्सर जिले बहुसंख्य निवासी कृषि कार्य में कार्यरत है एवं अपना जीवन यापन इसी से अर्जित करते है. जीवन यापन का प्रक्रिया समान्यत: सामाजिक पद निर्धारित करता है. सरकार के गंभीर प्रयास एवं कृषकों के प्रयास के फलस्वरूप लोगों के जीवन यापन के गुणवत्ता में सुधार हुआ है. चुकि जिले की अधिकतर लोग समृद्ध कृषक है एवं जिसका कारण नहर सिंचाई की सुविधा है, यह जिला पशुपालन में भी समृद्ध है.

संचार साधन

यह जिला लंबे समय से सड़क संचार के मामले में समृद्ध रहा है. बक्सर जनरल में “फ्रांसिस बुकनन” ने कहा है कि जिले में कुछ बहुत अच्छी सड़के है उसने ईट निर्मित कुछ पुलों सहित बहुत अच्छे सड़क पर कोईलवर से बक्सर तक भ्रमण किया.

उसने कुछ अन्य अच्छे सड़कों जैसे बक्सर का बड़ा सड़क, सासाराम से वाराणसी का सड़क एवं डुमराव आरा पटना बक्सर सड़क तथा बिहिया पियरो रोड, डुमराव नासरीगंज रोड तथा सासाराम बिक्रमगंज आरा सड़को का भी चर्चा किया है जो कि अच्छे रोड माने जाते थे. बक्सर जिला मुख्यालय पूर्व रेलवे के मुख्य पथ पर है. गंगा नदी बारह मास नव वाहनिया है. यहां से सामान पूर्व में कोलकाता के लिए एवं पश्चिमी में उत्तर प्रदेश के लिए जहाजों से भेजे जाते है.

ऋण सुविधाएं

इस जिले में सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक मुख्य शहरों में है जो को-आपरेटिव बैंकिंग एवं ऋण देने हेतु मुख्य भूमिका निभाते है. सभी सहयोग समितियां ऋण सुविधा हेतु इन बैंकों से जुड़े हुए है. बैंक इन सहयोग समितियों के माध्यम से इसके सदस्यों को ऋण प्रदान करते हैं. इन बैंकों के द्वारा छोटे एवं मध्यम अवधि हेतु केवल कृषि कार्य के लिए ऋण दिए जाते है. छोटी अवधि के ऋण कृषि सदस्यों के बीज, खाद्य उर्वरक आदि के लिए दिए जाते है. मध्यम अवधि के ऋण जीवन यापन के वस्तुओं की खरीद एवं कृषि उपकरण के खरीद के लिए दिए जाते है.

बाजार/ हाट

इस जिले में महत्वपूर्ण थोक बाजार बक्सर एवं डुमराव में है. बक्सर रेलवे स्टेशन से मुक्त पदार्थ जैसे धान, गुड़, आम आदि बाहर भेजे जाते है एवं मशीन तथा यौगिक सामान बाहर से मंगाए जाते है. बक्सर जिला शहर एवं महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र है. यहां रेलवे, रोडवेज तथा नाव की भी सुविधा है. यह गंगा नदी के किनारे स्थित है तथा शहर का मुख्य व्यापार खाद्यान्न, सब्जियां, मछलियां एवं सेंटर जेल में उत्पादित पदार्थों का निर्यात है.

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