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Buxar Lok Sabha Election 2024 : बक्सर लोकसभा से अनिल कुमार का नामांकन, बक्सर में कितना टक्कर दे पाएगी बसपा, जाने भाजपा राजद और बसपा का पिछला रिकॉर्ड

बक्सर लोकसभा सीट (Buxar Lok Sabha Election 2024 ) पर उम्मीदवारो के लिए 7 मई से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हुई थी. जिसमे आज मंगलवार को आखरी दिन बहुजन समाज पार्टी के अनिल कुमार के अलावा नौ निर्दलीय प्रत्याशियों ने नामांकन किया. इसके साथ ही बक्सर लोकसभा सीट के लिए नामांकन प्रक्रिया आज सम्पन्न हो गई.

इस बीच जिन उम्मीदवारों ने बक्सर लोकसभा सीट के लिए मैदान में अपनी ताल ठोंकी हैं उनमे बसपा के अनिल कुमार, भाजपा के मिथलेश तिवारी, राजद से सुधाकर सिंह, तथा एक निर्दलीय प्रत्याशी आनंद मिश्र हैं. जो इन दिने जनता के बीच में अपनी अपनी डपली बजा रहे हैं.


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सबसे पहले विधानसभा का विश्लेषण- इतनी हैं विधानसभा सीटें

बक्सर लोकसभा क्षेत्र में कुल छह विधानसभा सीटें हैं. इसमें बक्सर के ब्रह्मपुर, डुमरांव, बक्सर, राजपुर सुरक्षित के अलावा कैमूर जिले का रामगढ़ और रोहतास जिले का दिनारा विधानसभा क्षेत्र शामिल है.

विधानसभा चुनाव में भाजपा को नसीब नहीं हुई एक भी सीट

विधानसभा चुनाव 2020 के दौरान रामगढ़ से सुधाकर सिंह, ब्रह्मपुर से शंभू नाथ यादव और दिनारा से विजय मंडल राजद प्रत्याशी के रूप में विजयी हुए थे. दो सीटों पर कांग्रेस को जीत मिली थी. बक्सर से कांग्रेस के संजय कुमार तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी और राजपुर से विश्वनाथ राम विजयी हुए थे. डुमरांव से राजद समर्थित+सीपीआई माले के अजीत कुमार सिंह ने जीत दर्ज की थी. भारतीय जनता पार्टी को एक भी विधानसभा सीट पर जीत नहीं मिली थी.

जाने क्या है बक्सर का संसदीय इतिहास

आजादी के बाद बक्सर अनुमंडल शाहाबाद उत्तर पूर्वी लोकसभा क्षेत्र में शामिल था. 1952 में यहां पहला लोकसभा चुनाव हुआ था. उस समय डुमरांव महाराज कमल सिंह ने निर्दलीय उम्मीदवार को तौर पर चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी. इसके बाद 1957 में बक्सर लोकसभा क्षेत्र बना. इस चुनाव में भी कमल सिंह विजयी हुए. इसके बाद लोकसभा चुनाव 1962 और 1971 में कांग्रेस के अनंत प्रसाद शर्मा यहां से चुनाव जीते. 1967 में कांग्रेस के राम सुभाग सिंह ने इस सीट से जीत दर्ज की. 1977 में भारतीय लोकदल के रामानंद तिवारी को यहां से जीत मिली.

1980 और 1984 में कांग्रेस के कमलकांत तिवारी दो बार इस सीट से सांसद रहे. 1989 और 1991 में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया के तेज नारायण सिंह 2 बार सांसद बने. वहीं 1996 से 2004 तक लगातार चार बार BJP के लालमुनी चौबे सांसद निर्वाचित हुए. 2009 में RJD के जगदानंद सिंह विजयी उम्मीदवार रहे, तथा 2014 से लेकर 2024 तक भाजपा के अश्वनी चौबे सांसद बने.

लोकसभा चुनाव 2009 और 2014

बिहार की बक्सर लोकसभा (Buxar Lok Sabha Election) चुनाव 2009 में राजद के जगदानंद सिंह सांसद बने थे पर 2014 में हुए चुनाव में मोदी लहर में BJP के अश्विनी कुमार चौबे ने जीत हासिल की थी. 2014 में भाजपा को 3,19,012 वोट मिले, वहीं 1,86,674 वोटों के साथ RJD के जगदानंद सिंह दूसरे स्थान पर रहे.

लोकसभा चुनाव 2019

बात करें बक्सर लोकसभा (Buxar Lok Sabha Election 2024) 2019 की तो उस वक्त भाजपा के अश्वनी चौबे 473,053 वोट लेकर पहले पायेदान पर थे. तो राजद से दिग्गज नेता जगदानंद सिंह 355,444 वोट पाकर दूसरे पायेदान पर थे.वही बसपा से सुशील कुशवाहा उर्फ सुशील कुमार सिंह 80,261 वोट लेकर तीसरे पायेदान पर थे. नीचे के विवरण में तीनों दलों के वोट और प्रतिशत आप देख सकते हैं.

भाजपा से अश्विनी कुमार चौबे

  • Buxar Lok Sabha Electionबीजेपी
  • 473,053
  • 48.75

    राजद से जगदानंद सिंह

  • Buxar Lok Sabha Electionआरजेडी
  • 355,444
  • 36.63

    बसपा से सुशील कुमार सिंह

  • Buxar Lok Sabha Electionबीएसपी
  • 80,261
  • 8.27

बात लोकसभा चुनाव 2024 की

2019 की तुलना 2024 से करें तो पाएंगे कि इस बार भी भाजपा, राजद और बसपा तीनों दल के प्रत्याशी इस सीट के लिए मैदान में अपना ताल ठोक चुके हैं. लेकिन 2019 की तुलना में 2024 में तीनों दलों के चेहरे अलग अलग हैं.

भाजपा से इस बार अश्वनी चौबे की जगह मिथलेश तिवारी आए हैं. वही राजद से पूर्व सांसद जगदानंद सिंह के बेटे सुधाकर सिंह को टिकट मिला हैं. तो वही बसपा से सुशील कुमार की जगह मशहूर व्यवसाई अनिल बिल्डर उर्फ अनिल कुमार को टिकट मिला हैं.

इन उम्मीदवारों की खास बात यह है कि इनकी जड़े बक्सर (Buxar Lok Sabha Election 2024) से कोसों दूर है. तीनों उम्मीदवार बक्सर की आम जनमानस की समस्याओं दूर दूर तक अवगत नहीं हैं. लेकिन बड़ी बात यह हैं की तीनों दलों के वोटर बक्सर लोकसभा में भारी संख्या में हैं.

इस बार एनडीए (NDA) और इंडिया (INDIA) की लड़ाई

बक्सर लोकसभा चुनाव 2019 की तुलना में इस बार 2024 की लड़ाई तीनों दलों के लिए आसान नहीं हैं. एक तरफ जहा इस बार भाजपा (NDA) के साथ नीतीश की जेडीयू, चिराग की RLJP, जितन राम मांझी की HAM, और उपेन्द्र कुशवाहा की पार्टी RLM एक साथ हैं वही कॉंग्रेस (INDIA) के साथ राजद, वाम दल के तीनों पार्टिया ( CPI+CPIM+CPIML) तथा मुकेश साहनी की पार्टी VIP एक साथ मैदान में हैं. मगर बक्सर में बसपा अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ रही हैं.

बक्सर में दिखेगी त्रिकोणिय लड़ाई ?

भाजपा, राजद और बसपा तीनों उम्मीदवार के पास बक्सर के लिए कोई ठोस मुद्दा नहीं है जिसपर वो अपना दावा मजबूत कर सके. फिलहल भाजपा के मिथलेश तिवारी “राम” के नाम पर लोगों लुभाने में लगे है. वही राजद उम्मीदवार सुधाकर सिंह कॉंग्रेस की (INDIA) थीम पर चुनाव लड़ रहे हैं.

वही बसपा उम्मीदवार अनिल कुमार भाजपा और राजद को बक्सर के विकास में बाधा बता कर “बक्सर बहुजन का नारा” लेकर अपने दावे को मजबूत करने में जुटे हुवे हैं. फिलहाल बक्सर लोकसभा सीट पर हवा का रुख किधर होगा तथा इस बार त्रिकोणिय लड़ाई होगी या नहीं ये आने वाले दिनों में पानी की तरह साफ हो जाएगा.

लेकिन तीनों उम्मीदवारों ने अपनी पूरी ताकत झोंक रखी हैं. ऐसे में भाजपा जहा अपनी साख बचाने की लड़ाई लड़ती दिख रही है. वही राजद अपने वजूद को बरकरार रखने की जुगत में जुटी है. तथा बसपा के अनिल कुमार 2019 के आकड़ों को पार करने के लिए कमर कस चुके हैं. आपको बता दें की बक्सर लोकसभा सीट 2024 के लिए 1 जून को मतदान होने हैं.

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