मतदान संपन्न होने और विपक्ष के आरोपों के बाद चुनाव आयोग (Election Commission) ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोपों का जवाब दिया है. आयोग ने स्पष्ट रूप से कहा है कि सबसे पहले पोस्टल बैलेट की गिनती शुरू होगी. उसके आधे घंटे बाद ही हम EVM की गिनती शुरू कर देंगे.
इसमें कोई संदेह नहीं है. दरअसल, विपक्ष ने चुनाव आयोग (Election Commission) को यह ज्ञापन देकर पोस्टल बैलेट की गिनती इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) से पहले कराए जाने की मांग की थी. इस बार पोस्टल बैलेट यानी डाक मतपत्रों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है. विपक्ष ने अपने ज्ञापन में बिहार विधानसभा चुनाव का हवाला दिया था.
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विपक्ष ने कहा था पोस्टल बैलेट की गिनती पहले हो
विपक्षी दलों ने 2 जून को चुनाव आयोग (Election Commission) से मांग की थी कि 4 जून को होने वाली मतगणना के दौरान सबसे पहले पोस्टल बैलेट की गिनती कराई जाए और उसके बाद ही ईवीएम के वोटों की गिनती हो.
2019 के चुनाव तक पोस्टल बैलेट की गिनती सबसे पहले
लोकसभा चुनाव, 2019 तक पोस्टल बैलेट यानी डाक मतपत्रों की गिनती सबसे पहले होती थी और उसके 30 मिनट बाद ही ईवीएम के वोटों की गिनती शुरू होती थी. ईवीएम के वोटों की गिनती शुरू करने से पहले सारे पोस्टल बैलेट की गिनती पूरी हो जाती थी.
बिहार का क्या था मामला, जिसका विपक्ष ने दिया हवाला
विपक्ष ने चुनाव आयोग को दिए गए ज्ञापन में 2020 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव का जिक्र किया। दरअसल, 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में जीत का कुल फर्क 12,700 वोटों का था. वहीं, उस वक्त वहां पड़े पोस्टल बैलेट की संख्या 52,000 थी. उस वक्त बिहार में ईवीएम के वोटों की गिनती के बाद पोस्टल बैलेट पेपर गिने गए थे. यही वजह है कि विपक्ष ने आयोग से अपने 2019 की गाइडलाइन को वापस लेने की अपील की है.
नियम 54-A का पालन हो
विपक्ष ने चुनाव संचालन नियम, 1961 के नियम 54-A के मुताबिक वोटों की गिनती कराई जाए, जिसमें कहा गया है कि रिटर्निंग अधिकारी पहले पोस्टल बैलेट गिनेंगे. वहीं, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी की मांग है कि ईवीएम की ‘कंट्रोल यूनिट’ को सीसीटीवी निगरानी वाले कॉरीडोर से होकर ले जाया जाना चाहिए.
इससे पहले कांग्रेस नेता अजय माकन ने ‘एक्स’ पर आरोप लगाया कि चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों के मतगणना एजेंटों को सहायक रिटर्निंग अधिकारी की टेबल पर जाने की अनुमति नहीं दी जा रही. आयोग (Election Commission) ने इसका फौरन खंडन करते हुए कहा कि काउंटिंग एजेंटों को रिटर्निंग ऑफिसर या सहायक रिटर्निंग ऑफिसर की टेबल पर जाने की अनुमति दी गई है.
चुनाव आयोग की 2019 की गाइडलाइन में ऐसा क्या था
चुनाव आयोग Election Commission) ने फरवरी 2019 में एक गाइडलाइन जारी की थी. इसमें कहा गया था कि किसी भी हालत में पोस्टल बैलेट की गिनती पूरा करने से पहले ईवीएम के वोटों की गिनती के सभी राउंड के नतीजे घोषित नहीं होने चाहिए.
अभी गिनती के क्या हैं नियम और कैसे होती है
चुनाव आयोग ने 18 मई, 2019 को नई गाइडलाइन जारी कर दी. इसमें कहा गया था कि पोस्टल बैलेट की गिनती के दौरान ही ईवीएम की भी गिनती हो सकती है. ईवीएम की गिनती पूरी होने के बाद ही वीवीपैट पर्चियों की गिनती पूरी की जा सकती है. आयोग का यह तर्क था कि इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलेट सिस्टम के जरिये पोस्टल बैलेट की संख्या काफी बढ़ गई थी. इसके अलावा, 5 मतदान केंद्रों के वीवीपैट पर्ची की रैंडम गिनती भी जरूरी होने से समय लगने लगा तो इस प्रक्रिया में बदलाव कर दिया गया.
पोस्टल बैलेट के दोबारा गिनती के नए नियम
चुनाव आयोग ने पोस्टल बैलेट के अनिवार्य रूप से दोबारा गिनती के नियम को भी बदल दिया. पहले यह नियम था कि अगर जीत का अंतर पोस्टल बैलेट की कुल संख्या से कम है तो पोस्टल बैलेट फिर से गिने जा सकते थे. नए नियम के अनुसार, अगर जीत का फर्क पोस्टल बैलेट की संख्या से कम है तो गिनती के दौरान अमान्य करार दिए गए पोस्टल बैलेट का फिर से सत्यापन किया जाएगा.