एनडीए सरकार (National Politics) के गठन से पहले ही सहयोगी दलों का असर दिखना शुरू हो गया है. सरकार की अहम सहयोगी जेडीयू ने सेना में भर्ती वाली अग्निवीर योजना के साथ ही समान नागरिक संहिता को लेकर बड़ा बयान दिया है. जेडीयू नेता केसी त्यागी ने अग्निवीर स्कीम की समीक्षा करने को कहा है.
मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में सहयोगी दलों का असर शपथग्रहण समारोह से पहले ही दिखने लगा है. एनडीए की अहम सहयोगियों में एक जेडीयू ने सेना में भर्ती योजना अग्निवीर और समान नागरिक संहिता को लेकर बड़ी बात कही है. जेडीयू नेता केसी त्यागी ने कहा कि अग्निवीर स्कीम पर फिर से विचार करने की जरूरत है. साथ ही समान नागरिक संहिता पर सभी राज्यों से बातचीत की जानी चाहिए.
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अग्निवीर योजना पर फिर से विचार हो
जेडीयू प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि अग्निवीर योजना पर फिर से विचार करने की जरूरत है. अग्निवीर योजना का चुनावों में विरोध हुआ था. इस विरोध का असर चुनाव नतीजों में देखने को मिला. कांग्रेस ने आम चुनाव में अग्निवीर को राष्ट्रीय राजनीति (National Politics) में एक बड़ा मुद्दा बनाया था. कांग्रेस ने साफ कहा था कि सत्ता में आने के बाद अग्निवीर योजना को कूड़े के डब्बे में डाल देंगे.
वहीं, अग्निवीर योजना में जिन राज्यों में सबसे अधिक भर्ती हुई, उन राज्यों में बीजेपी की सीटें भी कम हुईं. हरियाणा में पार्टी की सीट 10 से घटकर 5 पर सिमट गई. इतना ही नहीं यहां पार्टी का वोट शेयर भी 58 फीसदी से घटकर 46 फीसदी हो गई. पंजाब में तो बीजेपी एक भी सीट नहीं जीत पाई. राजस्थान में भी बीजेपी 24 से घटकर 14 ही रह गई.
यूसीसी पर आम हो आम सहमति
त्यागी ने कहा कि समान नागरिक संहिता पर हमारा रुख आज भी स्पष्ट है. उन्होंने कहा कि यूसीसी को लेकर सभी राज्यों के साथ विचार किया जाना चाहिए. चुकी समान नागरिक संहिता पर राज्यों के विचारों को समझे जाने की जरूरत है. त्यागी ने कहा कि जेडीयू एक राष्ट्र, एक चुनाव का भी समर्थन करती है.