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Bihar Politics : BJP और JDU नेताओं के अनर्गल बयान, क्या विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार को साइड करने का प्लान

लोकसभा चुनाव के बाद अब बिहार में राजनीतिक पार्टियों (Bihar Politics) ने विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई हैं. वहीं NDA नेताओं की बयानबाज़ी से बिहार में सियासी पारा चढ़ गया है. ऐसा लग रह हैं कि नीतीश कुमार विधानसभा चुनाव से पहले ही पाला बदल लेंगे. कुछ तो गड़बड़ है.

एक दूसरे के बयान से कन्नी काटते हुए भी नज़र आ रहे हैं.

सीएम नीतीश के करीबी सांसद देवेश चंद्र ठाकुर ने हाल ही मुस्लिम और यादवों को लेकर विवादित बयान दिया था. इस पर विपक्ष ने जमकर निशाना साधा, वहीं जदयू नेता ने कहा की सीतामढ़ी सांसद देवेश चंद्र ठाकुर को मीडिया में इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए.

सांसद नालंदा कौशलेंद्र कुमार ने कहा कि जीतने के साथ ही पूरे संसदीय क्षेत्र के प्रतिनिधित्व की ज़िम्मेदारी मेरी हो गई. मुझे जिसने वोट किया और जिसने वोट नहीं किया, उन सबकी ज़िम्मेदारी मेरी है. इसलिए एक सांसद होने के नाते इस तरह की बयानबाज़ी से बचना चाहिए.


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जदयू ने किया किनारा तो भाजपा का मिला सहारा

सीतमाढ़ी से जदयू सांसद देवेश चंद्र ठाकुर के बयान से अपने ही पार्टी के नेताओं ने पल्ला झाड़ लिया. वहीं भाजपा नेताओं ने उनके बयान का समर्थन किया. बिहार के डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा और गिरिराज सिंह ने सीतामढ़ी सांसद के पक्ष में बयान दिया.

NDA नेताओं की प्रतिक्रिया (Bihar Politics) से यह कह सकते हैं कि जदयू ने किया किनारा तो भाजपा का मिला सहारा. अब दूसरी तरफ़ भाजपा के फायर ब्रांड नेता बेगूसराय सांसद गिरिराज सिंह ने बयान दिया कि मदरसे से ज़हर फैलाया जा रहा है. पूरे देश को इस्लामिक देश बनाने की कोशिश हो रही है.

बिहार सरकार में मंत्री मदन सहनी ने कहा

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के इस बयान पर बिहार सरकार में मंत्री मदन सहनी ने कहा कि हम लोग व्यक्तिगत तौर पर इसका समर्थन नहीं करते हैं. इस तरह की बयानवाज़ी वाली हम लोगों की मानसिकता नहीं है. ऐसी बयानबाज़ी से केंद्रीय मंत्री को परहेज़ करना चाहिए.

मदन सहनी ने कहा कि यह उनके निजी बयान हो सकते हैं. सभी धर्म और समुदाय की इज़्ज़त होनी चाहिए. देश में सभी धर्म और जाति के लोगों का बराबर सम्मान है. धर्म निरपेक्ष देश में किसी भी मज़हब को कोई अपमान नहीं कर सकता. हम किसी भी संस्‍था को हम गलत नहीं बोल सकते हैं.

देश के हर नागरिक को धर्म का पालन करने की आज़ादी है. किसी भी धर्म से आप ताल्लुक क्यों नहीं रखते हैं, लेकिन दूसरे धर्म के लोगों का भी सम्मान करें. इन सब बातों का जानने के बाद भी अगर कोई इंसान कोई बयान दे रहा है तो, यह उसकी सोच हो सकती है. इस पर कुछ नहीं बोलना चाहता.

सियासी गलियारों में तरह-तरह की चर्चाएं शुरू

NDA के घटक दलों में शामिल पार्टियों के नेताओं के बयानों से सियासी गलियारों (Bihar Politics) में तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं. सियासी जानकारों की मानें तो विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र सभी पार्टियां अपने-अपने एजेंडे के मुताबिक बयानबाज़ी कर रही हैं. भाजपा नेताओं द्वारा हिंदुत्व के एजेंडे पर बयान देना इसी बात की गवाही है..

NDA के घटक दलों में शामिल जदयू नेता उनके (भाजपा) बयानों से इसलिए ही पल्ला झाड़ रहे हैं, क्योंकि अगर वह भाजपा नेता या फिर अपने ही पार्टी के नेताओं के विवादित बयान का समर्थन करेंगे तो आगामी विधानसभा में अल्पसंख्यकों वोट बैंक जदयू से महागठबंधन में शिफ्ट हो जाएगा.

सीतामढ़ी सांसद देवेश चंद्र ठाकुर की बयानबाज़ी के बाद महागठबंधन ने इसे मुद्दा बनाते हुए, जदयू और भाजपा को साधना शुरू कर दिया है. ऐसे में अगर जदयू डैमेज कंट्रोल नहीं करती है तो मुस्लिम वोटर पूरी तरह से महागठबंधन के समर्थन में आ जाएंगे और इसका खामियाज़ जदयू को भुगतना पड़ेगा.

कुछ तो गड़बड़ है

भाजपा नेता यह जान चुके हैं कि अल्पसंख्यक समुदाय के लोग उनके प्रत्याशियों को ना के बराबर वोट करते हैं. ऐसे में हिंदुत्व के एजेंडे को भुनाते हुए भाजपा द्वारा मास वोटर्स को अपने पाले में करने की कोशिश की जा रही है, ताकि विधनासभा चुनाव में इसका सियासी माइलेज लिया जा सके.

सियासी गलियारों में दूसरी तरफ़ यह भी चर्चा है कि अगर भाजपा नेता इस तरह से हिंदू-मुस्लिम पर बयान देंगे, जिससे जदयू को विधानसभा चुनाव में नुकसान हो सकता है. ऐसे में नीतीश कुमार विधानसभा चुनाव से पहले ही पाला बदल सकते हैं. कुल मिलाकर यह कह सकते हैं कि NDA में कुछ तो गड़बड़ है.

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