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NEET विवाद के बीच पेपर लीक के खिलाफ सरकार का नया कानून,10 साल की कैद और 1 करोड़ जुर्माना 

NEET और UG परीक्षा (NEET Paper Leak) में कथित अनियमितताओं के चलते देश में विवाद खड़ा हो चुका है. लाखों बच्चें सरकार से न्याय की आस लगाए बैठे हैं. इस बीच UGC-NET प्रवेश परीक्षा को रद्द करने के बाद अब राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) ने CSIR-UGC-NET परीक्षा को स्थगित कर दिया.

वहीं, बीती रात केंद्र सरकार भी एक्शन मोड में आ गई और उसने देशभर में आयोजित प्रतियोगी परीक्षाओं और सामान्य प्रवेश परीक्षाओं में गड़बड़ी और अनियमितताओं को खत्म करने के लिए एक सख्त कानून (Government’s new law against paper leak) को अधिसूचित किया. इस कानून के तहत जो लोग पेपर लीक जैसी अपराधों में शामिल लोगों उन्हें सख्त दंड दिया जाएगा, जिसमें अधिकतम 10 साल की कैद और 1 करोड़ तक का जुर्माना शामिल है.


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अनियमितताओं की बात सामने आने के बाद ये विवाद

NEET परीक्षाओं (NEET Paper Leak controversy) के आयोजन में कथित कदाचार और यूजीसी नेट पेपर लीक को लेकर देश में बड़े पैमाने पर विवाद छिड़ा हुआ है. दरअसल, नीट परीक्षा में तकरीबन 1563 बच्चों को ग्रेस मार्क्स दिए गए थे, जिसका पता चलने के बाद इसमें धांधली तक के आरोप लगे और परीक्षा रद करने की मांग हुई. मामला 67 छात्रों के टॉप करने को लेकर था, जिन्हें 720 में से 720 अंक मिले. वहीं, इनमें से 6 छात्र एक ही सेंटर के थे.

दोबारा परीक्षा कराने के आदेश

शिक्षा मंत्रालय ने इन छात्रों के दोबारा परीक्षा कराने के आदेश दिए हैं, जो 23 जून को होंगे. नीट मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है, जिसपर 8 जुलाई को सुनवाई होगी. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने पेपर रद करने और NEET परीक्षा की काउंसलिंग रोकने से इनकार कर दिया. नीट की काउंसलिंग 6 जुलाई से शुरू होगी, अगर पेपर रद होता है तो काउंसलिंग भी रद करनी होगी.

ये बवाल चल ही रहा था कि एनटीए ने UGC-NET परीक्षा रद कर दी. सरकार ने परीक्षा रद करने के साथ ही मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि अधिकारियों ने डार्कनेट पर प्रश्नपत्र पाए थे, जिसके बाद ये कदम उठाया गया. उन्होंने कहा कि प्रश्नपत्र टेलीग्राम पर भी प्रसारित हो रहा था.

CSIR-UGC-NET परीक्षा भी स्थगित

इसके बाद एनटीए ने CSIR-UGC-NET परीक्षा भी स्थगित कर दी है. एनटीए ने इसके पीछे परिस्थितियों और लॉजिस्टिक समस्या को कारण बताया. परीक्षा के आयोजन का संशोधित कार्यक्रम आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से बाद में घोषित होगा. संयुक्त CSIR-UGC-NET परीक्षा जूनियर रिसर्च फेलोशिप और विज्ञान पाठ्यक्रमों में पीएचडी में प्रवेश के लिए पात्रता निर्धारित करने के लिए आयोजित की जाती है.

इन सब बवाल के बीच कांग्रेस समेत विपक्षी पार्टियों ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला किया. कांग्रेस ने कहा कि एनटीए की एक और परीक्षा स्थगित कर दी गई. अब एनटीए युवाओं के लिए नरेंद्र मोदी की ड्रामा एजेंसी बन गई है.

नया कानून लागू

इस बीच, केंद्र सरकार ने बीती रात प्रतियोगी परीक्षाओं में कदाचार और अनियमितताओं को रोकने के लिए एक नया कानून लागू कर दिया। सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 को अधिसूचित किया गया है, जो राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु द्वारा मंजूरी दिए जाने के चार महीने बाद 21 जून को लागू हुआ।

यह कानून 9 फरवरी को राज्यसभा से पारित हो गया था। इसे 6 फरवरी को लोकसभा में पारित किया गया। इसे 12 फरवरी को राष्ट्रपति की मंजूरी मिली। UPSC, कर्मचारी चयन आयोग (SSC), रेलवे, बैंकिंग भर्ती परीक्षाएं और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित परीक्षाएं इस कानून के दायरे में आती हैं।

10 साल की कैद और न्यूनतम 1 करोड़ का जुर्माना देना होगा

इस कानून के तहत अब जो कोई भी पेपर लीक या परीक्षा में अनियमितता से जुड़े अपराधों में शामिल होगा उसे पांच से 10 साल की कैद और न्यूनतम 1 करोड़ का जुर्माना देना होगा. शिक्षा मंत्री ने पेपर लीक को एनटीए की संस्थागत विफलता बताया है. उन्होंने कहा कि मामले में विशेषज्ञों की एक समिति बनाई गई है, जो एनटीए में सुधार की सिफारिश करेगी.

नीट-यूजी 2024 परीक्षा में कथित पेपर लीक के तार गुजरात और बिहार से जुड़े हैं. इस आरोप में एक मेडिकल अभ्यर्थी सहित बिहार में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है. वहीं, गुजरात के गोदरा से 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया, इनके पास से 2 करोड़ 3 लाख के चेक और इलेक्ट्रानिक डिवाइस भी मिले हैं.

फिलहाल नए कानून बनने (Government’s new law against paper leak) के बाद पेपर लीक मामले में कितना सुधार हो सकता है ये तो आने वाला समय ही तय करेगा. लेकिन नए कानून बनने से दलालों और गिरोहों में हड़कंप जरूर मचा हुवा हैं.

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