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Rent Agreement : मकान किराये पर देने के लिए सिर्फ रेंट एग्रीमेंट काफी नहीं, मालिक बनवाएं यह जरूरी कागज

मकान मालिक के साथ-साथ किराएदार के लिए भी रेंट अग्रीमेंट (Rent Agreement) बहुत जरूरी होता है. रेंट एग्रीमेंट मकान मालिक और किराएदार के बीच बनाए जाने वाला एक डॉक्यूमेंट है. जिसमे मकान किराए पर देने के लिए समझौते के आधार पर सारी शर्तें लिखी होती है.

रेंट एग्रीमेंट में मंथली रेंट, सिक्योरिटी डिपॉजिट के अलावा एग्रीमेंट का टेन्योर यानी समय समेत और भी कई शर्तें होती है. लेकिन क्या आपको पता है कि रेंट अग्रीमेंट के अलावा भी किस डॉक्यूमेंट का होना बहुत जरूरी है. आइए इसके बारे में आपको बताते हैं.

यह डॉक्यूमेंट है बेहद जरूरी

इस रेंट एग्रीमेंट के बावजूद कई किरायेदार मकान पर कब्‍जा करने की कोशिश करते हैं. ऐसे में अब प्रॉपर्टी के मालिकों ने ‘लीज एंड लाइसेंस’ एग्रीमेंट का ऑप्शन अपनाना शुरू कर दिया है. लीज एंड लाइसेंस भी काफी हद तक रेंट या फिर लीज एग्रीमेंट (Lease Agreement) या किरायानामे की तरह ही होता है. लीज ऐंड लाइसेंस में मकान मालिक को लाइसेंसर और किरायेदार को लाइसेंसी लिखा जाता है.

इस एग्रीमेंट का होता है बहुत फायदा

लीव ऐंड लाइसेंस अग्रीमेंट के तहत मकान मालिक के पास प्रॉपर्टी में प्रवेश कर इसका इस्तेमाल करने का अधिकार होता है और जिसे प्रॉपर्टी का लाइसेंस दिया गया हो, यानी किरायेदार इसका विरोध नहीं कर सकता लेकिन, लीज अग्रीमेंट के तहत लैंडलॉर्ड तय समय के लिए अपनी प्रॉपर्टी को पूरी तरह इसे लीज पर लेनेवाले के हाथों सौंप देता है.

 कितने साल के लिए बनवाए लीज ऐंड लाइसेंस एग्रीमेंट

लीज एग्रीमेंट (Lease Agreement) का इस्तेमाल 12 या इससे ज्यादा महीने की अवधि के लिए बनाया जाता है. साथ ही इसे कॉमर्शियल प्रॉपर्टीज को किराये पर देने के लिए उपयोग में लाया जाता है. लीज ऐंड लाइसेंस को 10 और 15 दिन से लेकर 10 साल की अवधि के लिए बनवाया जा सकता है. रेंट अग्रीमेंट (Rent Agreement)में मकान मालिक और किराएदार को लाइसेंसर और लाइसेंसी के तौर पर पेश किया जाना चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि जिसने किराए पर प्रॉपर्टी ली, उसे उस पर सिर्फ उसका ही अधिकार नहीं है.

रेंट अग्रीमेंट का भी रखें ध्यान

भारतीय पंजीकरण अधिनियम, 1908 की धारा 17 (डी) के तहत रेंट एग्रीमेंट (Rent Agreement) बनवाना जरूरी होता है. यह एग्रीमेंट कम से कम एक साल के लिए बनवाना होता है और एक साल से कम अवधि के लिए रेंट एग्रीमेंट (Rent Agreement) या लीज एग्रीमेंट (Lease Agreement) का रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी नहीं है. आपका मकान मालिक 11 महीने का ही रेंट एग्रीमेंट बनवा सकता है.

रेंट एग्रीमेंट (Rent Agreement) नहीं होता है तो मकान मालिक अचानक घर का किराया बढ़ा सकता है या फिर मकान खाली करने के लिए भी कह सकता है. वहीं रेंट एग्रीमेंट (Rent Agreement) में वह इस तरह की मनमानी नहीं कर सकता है. किराएदार या फिर मकान मालिक को रेंट एग्रीमेंट कि किसी शर्त पर आपत्ति होती है तो वह उसे समय से पहले सही करवा सकता है.

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