केंद्र सरकार की किसान क्रेडिट कार्ड योजना (Kisan Credit Card) में किसानों को उनकी जमीन पर सस्ता लोन दिया जाता है. इस योजना को किसान क्रेडिट कार्ड या ग्रीन कार्ड कहा जाता है. इस योजना की शुरुआत साल 1998 में हुई थी.
खेती करने के लिए किसानों को पैसों की जरूरत पड़ती है. फसल को बोने, उसमें खाद देने और उनकी देखभाल करने के लिए पैसों की जरूरत पड़ती है. खेती से जुड़ी ऐसी छोटी-छोटी जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकार लोन (Government Loan Scheme) की सुविधा देती है. किसान साहूकार से लोन लेकर कर्ज के बोझ में दब जाते हैं. इनसे बचाने के लिए सरकार किसान क्रेडिट कार्ड योजना (Kisan Credit Card) चला रही है.
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जमीन पर मिलता है सस्ता लोन
केंद्र सरकार की किसान क्रेडिट कार्ड योजना (Kisan Credit Card) में किसानों को उनकी जमीन पर सस्ता लोन दिया जाता है. इस योजना को किसान क्रेडिट कार्ड या ग्रीन कार्ड कहा जाता है. इस योजना की शुरुआत साल 1998 में हुई थी. तब रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और नाबार्ड के साथ मिलकर भारत सरकार ने योजना की शुरुआत की थी.
कितने ब्याज दर पर मिलता है लोन
किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card) में तीन लाख रुपये का लोन लिया जाता है. जिसमें 9 प्रतिशत का ब्याज देना होता है. लोन लेने के लिए पास के बैंकों में जाकर जमीन के कागजात और लोन की औपचारिकताएं पूरी करनी होगी. किसानों को कुछ शर्तों का पालन करना पड़ता है. जिसके बाद लोन मिल जाता है. इसमें 2% की सब्सिडी केंद्र सरकार देती है.
90 हजार किसानों को मिलेगा किसान क्रेडिट कार्ड लोन
यदि किसान समय से पहले यानी एक साल पूरा होने से पहले लोन लौटा देते हैं तो उन्हें 3 प्रतिशत तक की प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है. बिहार सरकार ने इस साल 90 हजार किसानों किसान क्रेडिट कार्ड लोन देने का लक्ष्य रखा है. पिछले साल बिहार के 80 हजार किसानों को लोन देने का लक्ष्य रखा था. बिहार सरकार ने यह भी लक्ष्य रखा है कि साल 2027-28 तक पांच लाख किसानों को केसीसी लोन दिया जाएगा.