झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन 5 महीने बाद एक बार फिर झारखंड के मुख्यमंत्री बन गए (Hemant Soren Chief Minister Again) हैं. सूत्रों के मुताबिक, रांची के कांके रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास में बुधवार (3 जुलाई) को हुई सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायक दल की बैठक में हेमंत सोरेन को एक बार फिर विधायक दल का नेता चुन लिया गया. चंपाई सोरेन को समन्वय समिति का चेयरमैन बनाने का निर्णय लिया गया.
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विधायक दल की बैठक में नेता चुने गए हेमंत सोरेन
कांग्रेस के झारखंड प्रभारी गुलाम अहमद मीर और झारखंड प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश कुमार ठाकुर की मौजूदगी में हुई विधायक दल की बैठक में एक बार फिर हेमंत सोरेन (Hemant Soren) को झारखंड का मुख्यमंत्री बनाने का फैसला लिया गया. बैठक में गठबंधन के सभी घटक दलों झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल के विधायक शामिल हुए. विधायक दल की बैठक में शामिल होने के लिए गुलाम अहमद मीर और राजेश ठाकुर विशेष रूप से दिल्ली से रांची पहुंचे थे.
31 जनवरी को गिरफ्तारी से पहले हेमंत सोरेन ने दिया था इस्तीफा
हेमंत सोरेन को 31 जनवरी 2024 को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित जमीन घोटाला मामले में गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी से पहले हेमंत सोरेन ने राजभवन जाकर राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को अपना इस्तीफा सौंप दिया था. इसके बाद चंपाई सोरेन को विधायक दल का नेता चुना गया. चंपाई सोरेन ने कांग्रेस और राजद कोटे के मंत्रियों के साथ शपथ ली थी. 5 महीने बाद झारखंड हाईकोर्ट से हेमंत सोरेन को जमानत मिल गई और वह जेल से रिहा कर दिए गए.
1500 शिक्षकों को नियुक्ति पत्र देने का कार्यक्रम हो गया स्थगित
रिहाई के बाद हेमंत सोरेन ने अलग-अलग सहयोगी दलों के नेताओं से मुलाकात की. इस बीच, कांग्रेस की सबसे बड़ी नेता सोनिया गांधी ने फोन करके हेमंत सोरेन से बातचीत की. इसके बाद अचानक से गठबंधन के विधायक दल की बैठक बुलाई गई. बैठक बुलाए जाने के बाद मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने अपने सारे कार्यक्रम रद्द कर दिए. यहां तक कि रांची के धुर्वा स्थित प्रभात तारा मैदान में 1500 शिक्षकों को नियुक्ति पत्र देने के लिए आयोजित होने वाले कार्यक्रम को भी स्थगित कर दिया गया.