केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में संयुक्त सचिवों, निदेशकों और उपसचिवों के प्रमुख पदों पर जल्द ही 45 विशेषज्ञ नियुक्त किए जाएंगे. इनकी भर्ती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘लेटरल एंट्री’ (Upsc lateral Entry Recruitment) से की जाएगी. इस योजना का मकसद शासन की सुगमता के लिए नई प्रतिभाओं को शामिल करना है. संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने इन पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया.
ये भी पढ़ें..
- Bihar Jamin Survey : बिहार में 20 अगस्त से जमीन का सर्वे शुरू, सभी को दिखाना होगा अपने जमीन का कागजात
- 8th Pay Commission : 8वां वेतन आयोग लागू हुवा तो जाने कितनी बढ़ जाएगी आपकी न्यूनतम सैलरी और पेंशन
यूपीएससी ने जारी किया विज्ञापन
आमतौर पर ऐसे पदों पर अखिल भारतीय सेवाओं जैसे भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) और भारतीय वन सेवा आईएफओएस) तथा अन्य समूह ए सेवाओं के अधिकारी नियुक्त होते हैं. यूपीएससी ने शनिवार को 45 पदों के लिए विज्ञापन जारी किया. इनमें 10 संयुक्त सचिव और 35 निदेशक-उपसचिव के पद शामिल हैं. इन पदों को अनुबंध के आधार पर ‘लेटरल एंट्री’ के माध्यम से भरा जाना है.
लेटरल एंट्री की भर्ती प्रक्रिया पर लालू प्रसाद ने कहा
लालू प्रसाद ने कहा कि बाबा साहेब के संविधान और आरक्षण की धज्जियां उड़ाते हुए नरेंद्र मोदी और उसके सहयोगी दलों की सलाह से सिविल सेवा कर्मियों की जगह अब संघ लोक सेवा आयोग ने निजी क्षेत्र से संयुक्त सचिव, उप-सचिव और निदेशक स्तर (Upsc lateral Entry Recruitment) पर नियुक्ति के लिए सीधी भर्ती का विज्ञापन निकाला है.
इसमें कोई सरकारी कर्मचारी आवेदन नहीं कर सकता. इसमें संविधान प्रदत कोई आरक्षण नहीं है. कॉरपोरेट में काम कर रहे बीजेपी की निजी सेना यानि खाकी पैंट वालों को सीधे भारत सरकार के महत्त्वपूर्ण मंत्रालयों में उच्च पदों पर बैठाने का यह नागपुरिया मॉडल है. संघी मॉडल के तहत इस नियुक्ति प्रक्रिया में दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों को आरक्षण का कोई लाभ नहीं मिलेगा. वंचितों के अधिकारों पर NDA के लोग डाका डाल रहे है.
इस प्रक्रिया को बताया नागपुरिया मॉडल
लालू प्रसाद ने UPSC में सीधी भर्ती को लेकर जमकर हमला बोला है. भाजपा पर निशाना साधते हुए लालू प्रसाद यादव ने कहा कि ये नागपुरिया मॉडल है. कॉरपोरेट में काम कर रहे भाजपा की निजी सेना यानि खाकी पैंट वालों को सीधे भारत सरकार के महत्वपूर्ण मंत्रालयों में उच्च पदों पर बैठाने का प्रयास किया जा रहा है. ये नागपुरिया मॉडल है जो देश के लिए खतरनाक है. इस तरह की योजनाओं से भाजपा के लोग वंचितों के अधिकारों पर डाका डाल रहे हैं.