बिहार में शिक्षकों (Bihar Teacher News) के ट्रांसफर और पोस्टिंग को लेकर बड़ा अपडेट है. शिक्षा विभाग के सचिव बैद्यनाथ यादव की अध्यक्षता वाली कमेटी ने इसके लिए एक नया फार्मूला तैयार किया है. जल्द ही इस बारे में पूरी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी जाएगी. माना जा रहा है कि नई नीति सितंबर से लागू हो सकती है. इस बीच, शिक्षा विभाग ने सक्षमता परीक्षा पास कर चुके शिक्षकों की काउंसिलिंग की निगरानी भी तेज कर दी है. एक अधिकारी ने बताया कि विभागीय स्तर पर प्रस्तावित तबादला और पोस्टिंग नीति को सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है.
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पांच श्रेणियों में बांटा गया स्कूल
कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में मानवीय पहलुओं पर खास ध्यान दिया है. दिव्यांग शिक्षक, गंभीर बीमारियों से जूझ रहे शिक्षक, महिला शिक्षक और शिक्षक दंपति से जुड़े मामलों को प्राथमिकता दी गई है. इतना ही नहीं, नए फार्मूले में भौगोलिक स्थिति को भी ध्यान में रखा गया है. इसके लिए सरकारी स्कूलों को पांच श्रेणियों में बांटा गया है. नदियों के पार वाले स्कूल, पहाड़ी इलाकों के स्कूल, अर्ध-शहरी इलाकों के स्कूल, शहरी इलाकों के स्कूल और ग्रामीण इलाकों के स्कूल. जिन पुरुष शिक्षकों की उम्र 40 साल से कम है, उन्हें दूर-दराज के इलाकों में पोस्टिंग का प्रस्ताव है.
प्राथमिक शिक्षक संघ ने दी चेतावनी
दूसरी ओर बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ (Bihar Teacher News) ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने जल्द ही ऑनलाइन हाजिरी व्यवस्था खत्म नहीं की तो आंदोलन किया जाएगा. संघ की मांग है कि शिक्षकों को ई-शिक्षा कोष पर हाजिरी बनाने से मुक्त किया जाए. पटना के आइएमए हॉल में हुई संघ की बैठक में 35 जिलों के शिक्षक प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया.
बैठक में यह भी मांग की गई कि मुख्यमंत्री द्वारा विधानसभा में दिए गए बयान के अनुसार, स्कूलों का समय सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक किया जाए और शनिवार को पहले की तरह आधा दिन स्कूल चले. संघ के महासचिव घनश्याम प्रसाद यादव ने कहा कि शिक्षा मंत्री को ज्ञापन सौंपा गया था, लेकिन अब तक शिक्षकों के हित में कोई फैसला नहीं लिया गया है. संघ ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो उन्हें आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ेगा.