बिहार में जमीन सर्वे (Bihar Jamin Survey) का काम शुरू कर दिया गया हैं. ताजा रिपोर्ट के मुताबिक 20 अगस्त यानी कि आज से लोगों को जमीन के कागज जमा करने के निर्देश दिए गए हैं. आप जमीन सर्वे के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से जमीन के दस्तावेज जमा कर सकते हैं.
अपनी जमीन का दावा करने के लिए कौन-कौन से कागजात जरूरी
जमीन के झंझटों को खत्म करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के 445 अंचलों में विशेष भूमि सर्वेक्षण शुरू करवाया है. यह काम अगले साल नवंबर तक पूरा करने का लक्ष्य है. सर्वे शुरू होने से पहले सभी गाँवों में ग्राम सभाएं हो रही हैं. इन सभाओं में सरकारी अधिकारी लोगो को सर्वे के बारे में बता रहे हैं. उन्हें बताया जा रहा है कि अपनी जमीन का दावा करने के लिए कौन-कौन से कागजात जरूरी होंगे. ग्राम सभा के साथ ही, हर किसी के खेत-खलिहानों का विवरण भी लिखा जा रहा है.
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खबर के अनुसार जमीन मालिक को पहले सर्वे फॉर्म भरने होंगे, इसमें जमीन की पूरी डिटेल्स दर्ज करनी होगी. वहीं जमीन के सत्यापन के लिए उसके कागजात की कॉपी सर्वे फॉर्म में लगाकर जमा करने होंगे. आप सर्वे शिविर में जा कर इसे जमा कर सकते हैं.
बता दें की बिहार सरकार ने सर्वे (Bihar Jamin Survey) की पूरी प्रक्रिया को मुक्त किया हैं. इसलिए आपको किसी भी तरह के शुल्क देने की जरूरत नहीं हैं. वहीं, ऑनलाइन आवेदन करने के लिए आप राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की वेबसाइट या बिहार सर्वे ट्रैकर मोबाइल ऐप का इस्तेमाल कर सकते हैं.
जमीन सर्वे के लिए जरूरी दस्तावेज और कैसे करें आवेदन
राजस्व मंत्री ने बताया कि अगर आप अपनी जमीन का सर्वे कराना चाहते हैं, तो आपको कुछ जरूरी दस्तावेज देने होंगे. यह दस्तावेज इस बात पर निर्भर करते हैं कि जमीन आपके नाम पर है या आपके पूर्वजों के नाम पर. अगर जमीन आपके पूर्वजों के नाम पर है और अब वे जीवित नहीं हैं, तो आपको उनकी मृत्यु का प्रमाण पत्र देना होगा. इसके साथ ही आपको उनकी जमाबंदी या मालगुजारी रसीद भी देनी होगी, जिसमें संख्या और वर्ष का विवरण हो. अगर आपके पास खतियान की कॉपी है तो उसे भी साथ में लगाना होगा.
बिहार जमीन सर्वे में 6 कागज जमा करने के आदेश?
- आपको अपने आधार कार्ड की फोटोकॉपी सर्वे फॉर्म के साथ जमा करनी होगी.
- अगर आपके पास पुरानी जमाबंदी या मालगुजारी की रसीद है, तो उसकी कॉपी जमा करनी होगी.
- खतियान की कॉपी, रजिस्ट्री की कॉपी, केवाला जैसे जमीन से जुड़े दस्तावेज भी कॉपी जमा करनी होगी.
- अगर अदालत ने जमीन के बारे में कोई फैसला दिया है, तो उसकी कॉपी भी आपको सर्वे फॉर्म के साथ जमा करनी होगी.
- जमीन पुश्तैनी हैं तो आपको ये भी साबित करना होगा कि आप ही जमीन के असली वारिस हैं, इसके लिए आपको वंशावली प्रमाणपत्र जमा करने होंगे.
- यदि आपकी जमीन आपके दादा-परदादा के नाम है और अब वे नहीं रहे, तो आपको उनकी मृत्यु का प्रमाण पत्र या तारीख बतानी होगी.
20 जिलों के 89 अंचलों में हो चुका है सर्वेक्षण
बता दें कि इससे पहले 20 जिलों के 89 अंचलों में सर्वेक्षण (Bihar Jamin Survey) हो चुका है. बाकी 445 अंचलों में कर्मचारियों की कमी के कारण काम रुक गया था. इसके लिए लगभग 10 हजार नए कर्मचारी रखे गए हैं, जिन्हें ट्रेनिंग देकर सर्वेक्षण के काम पर लगाया गया है. इससे पहले जमीन से जुड़े सभी कागजातों को कम्प्यूटर में दर्ज किया जा चुका है. ये सभी कागजात ऑनलाइन भी देखे जा सकते हैं. सरकार का दावा है कि सर्वेक्षण पूरा होने के बाद, जमीन का पूरा ब्योरा ऑनलाइन उपलब्ध होगा.
1890 में हुआ था सर्वेक्षण
राजस्व मंत्री डॉ दिलीप जायसवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री की इच्छा के अनुरूप अगले साल तक विशेष भूमि सर्वेक्षण पूरा हो जाएगा. उन्होंने कहा कि यह नीतीश सरकार की ऐतिहासक उपलब्धि साबित होगी. राजस्व मंत्री ने बताया कि राज्य में पहला जमीन सर्वेक्षण 1890 में शुरू हुआ था. 1990 में दूसरी बार इसकी शुरुआत हुई. फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसे शुरू किया. उनके शासन में अब यह पूरा हो जाएगा. डॉ जायसवाल ने कहा कि सर्वेक्षण से जमीन से जुड़ा स्वामित्व का विवाद पूरी तह समाप्त हो जाएगा. जमीन विवाद के कारण उत्पन्न होने वाली कानून व्यवस्था की समस्या भी समाप्त हो जाएगी.
भूमि राजस्व मंत्री ने बताया कि यह सर्वेक्षण बिहार के लोगों के लिए बहुत फायदेमंद होगा. इससे ना सिर्फ जमीन के झगड़े खत्म होंगे, बल्कि जमीन खरीद-बिक्री में भी आसानी होगी. इसके अलावा, सरकार को भी जमीन से जुड़ी योजनाओं को लागू करने में मदद मिलेगी. ऐसे में सरकार को उम्मीद है कि जनता भरपूर सहयोग करेगी.