बिहार में मंगलवार ( 20 अगस्त ) से भूमि सर्वेक्षण (Bihar Jamin Survey) शुरू हो गया है. इस सर्वेक्षण से रैयतों के नाम खतियान में दर्ज होंगे. अगर आपके पास जमीन के कागजात नहीं हैं, तो आपका नाम खतियान में दर्ज नहीं होगा. सर्वेक्षण के दौरान आपत्ति दर्ज कराने के लिए तीन बार मौका मिलेगा. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह ने एक निजी न्यूज चैनल से बात करते हुए बताया कि इस सर्वेक्षण का मुख्य उद्देश्य भूमि रिकॉर्ड को अद्यतन करना और रैयतों के नाम खतियान में दर्ज करना है.
सरकारी जमीन का नहीं मिलेगा मालिकाना हक
सर्वेक्षण (Bihar Jamin Survey) के माध्यम से उन लोगों को जमीन का मालिकाना हक मिलेगा, जिनके पास सरकारी जमीन पर घर या अन्य निर्माण के कागजात हैं. जय सिंह ने स्पष्ट किया कि अगर सरकार ने किसी को घर बनाने के लिए जगह दी है तो यह जमीन (Bihar Jamin Survey) उनकी ही रहेगी. हालांकि सरकार की ओर से दिए गए कागजात का होना जरूरी है. अगर कागजात नहीं है तो सर्वे के तहत आपके नाम को खतियान में दर्ज नहीं किया जाएगा.
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सर्वे के बद सभी रिकॉर्ड डिजिटल प्लेटफॉर्म पर
जय सिंह ने बताया कि इससे सारे रिकॉर्ड अप टू डेट हो जाएंगे. खतियान के बाद हर किसी के पास जमीन की जमाबंदी होती है जो दाखिल-खारिज के बाद किया जाता है, लेकिन अधिकतर लोगों के पास जमीन का नक्शा नहीं होता है. इस सर्वे के बाद नया खतियान तैयार हो जाएगा. नए नक्शे बन जाएंगे. सभी जमीन से जुड़ी जानकारियां डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आ जाएंगी. इसके बाद कोई और सर्वे की जरूरत नहीं पड़ेगी. डिजिटल अपडेट होने के बाद समय-समय पर मैप को अपडेट किया जाएगा. जमाबंदी को भी अपडेट किया जाता रहेगा.
तीन बार कर सकते हैं अपील
अगर कागजातों में कोई त्रुटि पाई जाती है, तो सर्वेक्षण के दौरान तीन बार अपील करने का अवसर दिया जाएगा. अगर कोई व्यक्ति इस प्रक्रिया से संतुष्ट नहीं है, तो वह न्यायालय में भी अपील कर सकता है. जो लोग बिहार से बाहर रहते हैं, वे ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. लंबे समय से कब्जे वाली जमीन के लिए भी, वैध दस्तावेज प्रस्तुत करने पर खतियान में नाम दर्ज किया जाएगा.
इनको नहीं मिलेगा मालिकाना हक
जय सिंह ने स्पष्ट किया कि अगर किसी ने गलत तरीके से कब्जा किया है कागजात नहीं है तो खतियान पर नाम चढ़ाना संभव नहीं होगा. अगर मलिक के पास सिर्फ रजिस्ट्री के कागजात हैं तो मालिक को यह स्थापित करना होगा कि जिनसे जमीन खरीदी गई है उनके पूर्वजों के नाम खतियान में दर्ज हो और आपने जिससे जमीन ली वह उनके पूर्वज के असली वारिस हैं.
एक साल तक होगा सर्वे
उन्होंने कहा कि यह सर्वेक्षण (Bihar Jamin Survey) एक साल तक चलेगा. जिन लोगों ने अभी तक म्यूटेशन नहीं कराया है, वे अपने कागजात अपडेट करा सकते हैं. जय सिंह ने कहा कि अभी बहुत वक्त है. यह सर्वे एक साल तक चलेगा. जिन लोगों के पास म्यूटेशन नहीं है वह दाखिल खारिज करवा कर पेपर अप टू डेट कर सकते हैं. 1911 के खतियान के आधार पर भले ही मालिक बदल गए हों लेकिन जिन लोगों ने जमीन खरीदी है उन्हें यह स्थापित करना होगा कि खतियान पर दर्ज नाम से संबंधित लोगों द्वारा ही जमीन खरीदी गई है.