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Shyam Rajak Resign : राजद से इस्तीफे के बाद लालू और तेजस्वी पर खुलकर बोले श्याम रजक,

 

पूर्व विधायक श्याम रजक ने राजद से इस्तीफा (Shyam Rajak Resign) दे दिया है. उन्होंने पत्र के जरिए राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को अपना इस्तीफा सौंपा है. पत्र में श्याम रजक ने पार्टी पर धोखा देने का आरोप लगाया है. उन्होंने लिखा, ‘मैं शतरंज का शौकीन नहीं था, इसलिए धोखा खा गया. आप मोहरे चल रहे थे, मैं रिश्तेदारी निभा रहा था.

वहीं श्याम रजक के आरजेडी छोड़ने पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने प्रतिक्रिया दी है. तेजस्वी ने कहा, ‘चुनाव आने वाला है. सब देख रहे हैं हम. श्याम रजक पार्टी छोड़ कर गए हैं. अच्छे से रहे. यह कोई बड़ी बात नहीं है. इससे आरजेडी को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है. हमने लोगों के लिए काम किया है.

श्याम रजक फुलवारी सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं

बात दें RJD ने मनोझ झा को दोबारा राज्यसभा भेज दिया. श्याम रजक की जाति, धोबी समाज से मुन्नी रजक को विधान परिषद भेज दिया गया. इसके बाद से ही श्याम रजक नाराज थे.

चर्चा है कि श्याम रजक (Shyam Rajak Resign) फुलवारी सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं. जदयू चाहे तो वह अरुण मांझी की जगह उन्हें मौका दे सकती है. श्याम रजक की मुलाकात कुछ दिनों पहले नीतीश कुमार से भी हुई है. हालांकि, श्याम रजक ने ये मुलाकात गुप्त तरीके से की थी.


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CM नीतीश की तारीफ की

आरजेडी से इस्तीफा देने के बाद श्याम रजक (Shyam Rajak Resign)ने एक निजी चैनल से खास बातचीत की है जिसमे उन्होंने लालू-तेजस्वी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘मोहरा को मैं रिश्ता समझ रहा था, वो मोहरा को रिश्ता नहीं समझ रहे थे. आप लोग खुद आकलन कीजिए और आप लोग ही निर्णय लीजिए मेरे साथ क्या हुआ.

मैं मोहरा बना या रिश्ता निभा रहा था. इस दौरान श्याम रजक ने नीतीश कुमार की तारीफ भी की. उन्होंने कहा, ‘काम तो उन्होंने किया है. आज बिहार का नाम देश में बढ़ रहा है तो उसमें नीतीश जी का भी एक रोल है.  राजद से इस्तीफे के बाद माना जा रहा है कि वे एक बार फिर जेडीयू का दामन थाम सकते हैं.

2020 में विधानसभा चुनाव से पहले आरजेडी जॉइन की थी

श्याम रजक अगस्त 2020 में उद्योग मंत्री का पद छोड़ने वाले थे। इससे पहले ही JDU ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया। JDU के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने उन्हें पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया था। श्याम रजक का विधानसभा क्षेत्र फुलवारी शरीफ रहा है.

2020 में वो चुनाव से पहले आरजेडी के साथ गए थे. तब उम्मीद थी कि उन्हें विधानसभा चुनाव का टिकट दिया जाएगा. यह सीट माले के हिस्से में चली गई. माले ने गोपाल रविदास को प्रत्याशी बनाया और वो चुनाव जीत भी गए.

2024 में लोकसभा चुनाव के समय श्याम रजक समस्तीपुर सुरक्षित सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ना चाहते थे. लेकिन, महागठबंधन में यह सीट कांग्रेस के हिस्से में चली गई. जेडीयू के वरिष्ठ नेता महेश्वर हजारी के बेटे सनी हजारी को कांग्रेस ने मैदान में उतारा. हालांकि, लोजपा (रामविलास) की उम्मीदवार और जदयू नेता अशोक चौधरी की बेटी शांभवी चौधरी यहां से चुनाव जीत गई.

2023 में श्याम रजक ने धोबी समाज की ताकत दिखाने के लिए पटना में मिलर हाई स्कूल ग्राउंड में बड़े स्तर पर धोबी महासभा का आयोजन भी किया था. हालांकि, इसका कोई असर नहीं हुआ. आरजेडी ने उन्हें लोकसभा का टिकट नहीं दिया.

राबड़ी देवी शासनकाल में थे ऊर्जा मंत्री

राबड़ी देवी शासनकाल में श्याम रजक ऊर्जा मंत्री थे. 2009 में पार्टी ने जमुई सुरक्षित लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया था. जेडीयू के भूदेव चौधरी से चुनाव हार गए थे. हारने के बाद पार्टी के नेताओं पर भीतरघात का आरोप लगाकर आरजेडी छोड़कर जेडीयू में चले गए थे. फिर नीतीश कुमार से नाराज होकर आरजेडी में आ गए थे.

 

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