बिहार में जमीन का सर्वे (Bihar Jamin Survey) हो रहा है. सरकार इस सर्वे के जरिए गांवों की जमीन का डेटा भी जमा कर रही है ताकि भविष्य में जमीन अधिग्रहण में कोई दिक्कत न हो. सर्वे टीम जमीन के कागजात देखकर असली मालिक की पहचान करेगी.
वही भूमि सर्वेक्षण का उद्देश्य असली जमीन मालिकों को उनका हक दिलाना और भूमि विवादों को खत्म करना है. सरकार गांवों की जमीन का डाटा भी रखेगी जिससे अधिग्रहण के समय समस्या ना हो. कई लोगों के पास पुश्तैनी जमीन के कागजात नहीं हैं, जिससे उन्हें परेशानी हो सकती है.
लेकिन, कई लोगों को अपनी जमीन पुश्तैनी तौर पर मिली है और उसका बंटवारा सिर्फ ज़ुबानी हुआ है, कागजों में नहीं. माना जा रहा है कि इससे रैयतों को सर्वे के दौरान दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. ऐसे में ये जानना जरूरी है कि जमीन का बंटवारा कैसे होगा और इसके लिए कौन-कौन से कागजात चाहिए.
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राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने जारी किए गाइडलाइन
दरअसल, बिहार में जमीन विवाद कोई नई बात नहीं है. लंबे समय से जमीन और जाल में उलझन जैसी कहावतें प्रचलित हैं. यही कारण है कि बिहार सरकार ने आपसी सहमति से जमीन विवाद सुलझाने की पहल सर्वे (Bihar Jamin Survey) से पहले शुरू की थी. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग जमीन विवादों को कम करने के लिए गाइडलाइन जारी किया गया है. इसके तहत अब परिवार में संपत्ति बंटवारे के लिए 8 जरूरी दस्तावेज देने होंगे. अगर किसी के पास जरूरी दस्तावेज नहीं हैं, तो अंचल कार्यालय से दुरुस्त करा सकते हैं.
कौन-कौन सा चाहिए कागजात
- लगान रसीद की छायाप्रति– यह रसीद संबंधित मौजा के राजस्व कर्मी द्वारा जारी की जाती है. इसके लिए निर्धारित मालगुजारी सरकारी खजाना में जमा करनी होती है.
- भूमि से संबंधित दस्तावेज (केवाला, खतियान आदि) – केवाला ज़मीन की खरीदगी से संबंधित कागजात होता है जो रजिस्ट्री कार्यालय से जारी होता है. खतियान एक वैध कागजात होता है जो राजस्व विभाग द्वारा जमीन की खरीदगी के बाद दर्ज करके जारी किया जाता है.
- वंशावली– यह ज़मीन मालिक के वारिसों – पुत्र, पुत्री, पोता, पोती, आदि की सूची होती है.
- जमाबंदी रैयत का मृत्यु प्रमाण पत्र– अगर जमीन के वैध धारक (रैयत) की मृत्यु हो गई है, तो मृत्यु प्रमाण पत्र जरूरी होगा.
- 100 रुपये के स्टांप पर बंटवारा शेड्यूल– 100 रुपये के स्टांप पेपर पर जमीन के बंटवारे का विवरण लिखा जाता है. यह स्टांप पेपर रजिस्ट्री कार्यालय के विक्रेता से मिल जाता है.
- आधार कार्ड– सभी हिस्सेदारों का आधार कार्ड जरूरी होगा.
- सभी हिस्सेदारों की सहमति– बंटवारे के लिए सभी हिस्सेदारों की लिखित सहमति जरूरी है.
- SDM कार्यालय से जारी शपथ पत्र– सभी हिस्सेदारों को SDM कार्यालय से शपथ पत्र लेना होगा.
ऊपर में दिए गये सभी कागजात आपके बाप दादा की जमीन के बटवारे में बहुत काम आ सकती हैं. यही दस्तावेज तय जमीन विवादों को कम करने में काफी मददगार हैं.