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Bihar Jamin Survey : जमीन पर कब्जा है और कागजात नहीं है तो क्या करें? राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री ने बताया उपाय

बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ दिलीप जायसवाल ने जमीन सर्वे (Bihar Jamin Survey) को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि जिनके पास जमीन का कब्जा है और गांव वाले भी पुष्टि करते हैं, साथ ही अगर पुराने दस्तावेजों में भी उनका नाम है तो सर्वे में उनका ही नाम दर्ज होगा. अगर बाद में किसी को आपत्ति है तो वो टाइटल सूट या सिविल सूट कर सकता है.


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बिहार में जमीन सर्वे पर मंत्री ने क्या कहा?

मंत्री डॉ दिलीप जायसवाल ने बताया कि सर्वे पर आपत्ति दर्ज कराने के लिए लोगों को एक साल में तीन बार मौका दिया जाएगा. तीन-तीन महीने के अंतराल पर ये मौके मिलेंगे. पहली आपत्ति बंदोबस्त पदाधिकारी, दूसरी आपत्ति भूमि सुधार उपसमाहर्ता और तीसरी आपत्ति एडिशनल कलेक्टर के यहां की जा सकेगी.

22 हजार से ज्यादा गांवों में ग्राम सभा का आयोजन

मीडिया से बातचीत में मंत्री राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ दिलीप जायसवाल ने कहा कि अभी तक 22 हजार से ज्यादा गांवों में ग्राम सभा का आयोजन हो चुका है. सारे कागजात पोर्टल पर उपलब्ध हैं और हमारे राजस्व कर्मचारियों के पास भी मौजूद हैं. उन्होंने आगे बताया कि कई बार परिवार के लोग अपनी जमीन आपस में बांट लेते हैं. अगर ऐसे लोग वंशावली और आपसी सहमति पत्र देंगे तो सर्वे में उनके बताए अनुसार ही जमीन का विवरण दर्ज किया जाएगा.

कागजात नहीं है तो इसके लिए पूरा मौका मिलेगा

सर्वे के दौरान रिश्वतखोरी की आशंकाओं पर मंत्री ने सख्त रुख दिखाते हुए कहा कि उन्होंने अपना नंबर सार्वजनिक कर दिया है. सोमवार को 567 कॉल आए. 200 कॉल संबंधित अधिकारियों ने देखा. अगर सर्वे के दौरान कोई भी रिश्वत मांगता है तो उसे सजा दिलाना मेरी जिम्मेदारी है. उन्होंने लोगों से अपील की है कि अगर किसी के पास जमीन के कागजात नहीं हैं तो उन्हें कागजात बनवाने का पूरा मौका दिया जाएगा.

बिहार में 1890 के बाद हो रहा जमीन का सर्वे

बिहार के राजस्व मंत्री डॉ दिलीप जायसवाल ने कहा कि 1890 में सीएस सर्वे (Bihar Jamin Survey) शुरू हुआ था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार वो काम करवा रही है जो 130 सालों में नहीं हो पाया. उन्होंने कहा कि इसमें किसी भी तरह का विवाद नहीं होगा.

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