बिहार की राजनीति (Bihar Politics) में इन दिनों नेताओ के दल बदलने की कवायद काफी जोरों शोर से चल रही हैं. इस बीच आरजेडी के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक आज जेडीयू में शामिल हो गए. पार्टी ऑफिस में आयोजित मिलन समारोह में जेडीयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने उन्हें सदस्यता दिलाई.
इस दौरान श्याम रजक ने कहा कि आरजेडी में मुझे घुटन महसूस हो रही थी. नीतीश कुमार की तारीफ करते हुए कहा कि वो सर्वमान्य नेता हैं. उनके साथ काम करना हमारे लिए सौभाग्य की बात होगी. साथ ही कहा कि तेजस्वी यादव को सड़क पर निकलकर पसीना बहाना चाहिए, नीतीश कुमार में मेरी पूरी आस्था है इसलिए जेडीयू में वापसी कर रहा. साथ ही कहा कि जो जिम्मेदारी पार्टी की ओर से मिलेगी उसे ईमानदारी से निभाऊंगा.
इस मौके पर जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा, मंत्री विजय चौधरी, विजेंद्र यादव, सुनील कुमार, रत्नेश सदा समेत पार्टी के बड़े नेता मौजूद रहे. मौके पर संजय झा ने कहा कि श्याम रजक के आने से पार्टी को मजबूती मिलेगी. उनके अनुभव का फायदा जदयू को होगा.
ये भी पढ़ें..
- Shyam Rajak Resign : राजद से इस्तीफे के बाद लालू और तेजस्वी पर खुलकर बोले श्याम रजक
- KC Tyagi resigned : नीतीश के सबसे धाकड़ नेता ने दिया इस्तीफा, अशोक चौधरी ने सुनाई थी भूमिहारों को खरी-खोटी
अगस्त में दिया था इस्तीफा
श्याम रजक ने धोखा देने का आरोप लगाते हुए 22 अगस्त को आरजेडी से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने पत्र के जरिए राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को इस्तीफा सौंपा था. पत्र में लिखा, ‘मैं शतरंज का शौकीन नहीं था, इसलिए धोखा खा गया. आप मोहरे चल रहे थे, मैं रिश्तेदारी निभा रहा था.
राजद में पद के लिए राजनीति- श्याम रजक
श्याम रजक ने कहा कि नीतीश कुमार की योजना ने बिहार (Bihar Politics) की तस्वीर को बदलने का काम किया है. जिस पार्टी में था वहां समाजवाद भ्रष्टाचार में बदल गया. लेकिन नीतीश कुमार हमेशा समाजवाद की लड़ाई लड़ते रहे. मेरा सौभाग्य हैं कि नीतीश कुमार के साथ मुझे काम करने का मौका मिलेगा. मैं उस पार्टी में पूरी कोशिश करता रहा कि सब ठीक हो जाए लेकिन वहां राजनीति सिर्फ़ पद के लिए होती है.
आरजेडी नेताओं का इस्तीफा
पिछले कुछ महीनों में कई बड़े नेताओं ने आरजेडी का साथ छोड़ा है. लोकसभा चुनाव के समय पहले अशफाक करीम ने आरजेडी छोड़ जेडीयू में शामिल हो गए थे. फिर वृषण पटेल ने इस्तीफा दिया था. उन्होंने कहा था कि आरजेडी को समर्पित कार्यकर्ताओं की कोई जरूरत नहीं है. वृषण पटेल के बाद अनदेखी का आरोप लगाते हुए देवेंद्र प्रसाद यादव ने भी पार्टी छोड़ दिया था.