बिहार में जमीन सर्वे (Bihar Jamin Survey) को लेकर आम लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान का उद्देश्य लोगों को सर्वे के महत्व और प्रक्रिया के बारे में जानकारी देना है. साथ ही, ये भी बताया जा रहा है कि इस प्रक्रिया में कैसे सहयोग कर काम आसान किया जा सकता है. फिलहाल पूर्णिया जिले में अभियान के दौरान सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी अनिल कुमार मंडल ने प्रखंड प्रमुख जियाउल हक और उपप्रमुख ललन कुमार सिन्हा के साथ मिलकर लोगों को संबोधित किया. बैठक प्रखंड प्रमुख के कार्यालय में आयोजित की गई थी.
समय पर दें जमीन के कागजात
बंदोबस्त पदाधिकारी ने बताया कि सरकार जमीन सर्वे (Bihar Jamin Survey) का काम करवा रही है. इस काम में जनप्रतिनिधियों, जमींदारों और किसानों सभी के सहयोग की जरूरत है. उन्होंने लोगों से अपील की कि वे समय पर अपने राजस्व मौजा के सर्वे अमीन को अपनी जमीन के कागजात जमा करवाएं. उन्होंने बताया कि सभी ससमय अपने राजस्व मौजा के सर्वे अमीन को अपनी जमीन का कागजात भर कर जमा कर दें ताकि सर्वे अमीन समय पर आपके जमीन से अध्ययन करेंगे और आपके प्लाट पर पहुंचकर सर्वे कार्य को पूर्ण करेंगे.
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जमीन के कागजात नहीं है तो क्या करें
अधिकारी ने बताया कि जिन किसानों के पास अपनी जमीन के कागजात हैं और कोई विवाद नहीं है, उन्हें कोई परेशानी नहीं होगी. यहां तक कि अगर किसी ने जमीन खरीदी (Bihar Jamin Survey) है और उस पर कब्जा कर लिया है, लेकिन किसी कारण से म्यूटेशन नहीं करा पाया है, तो उसे भी परेशान होने की जरूरत नहीं है. वे खरीद के कागजातों के साथ फॉर्म भरकर सर्वे अमीन को जमा करा सकते हैं.
भूदान वाली जमीन का क्या होगा?
हालांकि, अधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि भूदान या लाल कार्ड की जमीन अगर बिक गई है तो उसका सर्वे नए खरीदार के नाम से नहीं होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि सरकार ने यह जमीन बेचने के लिए नहीं बल्कि खेतीबाड़ी कर जीवन यापन के लिए दी थी.
सिकमी रैयत कर सकते हैं ये काम
अधिकारियों ने सिकमी रैयत के बारे में भी जानकारी दी. अगर कोई सिकमी रैयत अपनी जमीन के लिए न्यायालय से डिग्री प्राप्त कर चुका है और कोई दूसरा व्यक्ति उस पर दावा करता है, तो उसे चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है. हालांकि, उसे सर्वे अमीन को न्यायालय के कागजात दिखाने होंगे.