बिहार सरकार ने जमीन सर्वे (Bihar Land Survey) को लेकर एक बड़ा कदम उठाते हुए राज्य के सभी 534 अंचल कार्यालयों में दाखिल-खारिज से जुड़ी गड़बड़ियों को दूर करने के लिए एक खास अभियान चलाने का फैसला किया है. 15 अक्टूबर से शुरू होने वाले इस अभियान के तहत अंचल कार्यालयों में रखे गए सभी रजिस्टरों की बारीकी से जांच की जाएगी. इस दौरान रजिस्टरों के पन्नों की जांच करके यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी पन्ना फाड़ा या उसमें कोई हेरफेर तो नहीं किया गया है.
ये ‘लाल निशान’ बता देगा सारा ‘सच’
अगर कोई पन्ना खाली या अधूरा पाया जाता है तो उसे लाल कलम से क्रॉस मार्क करके बंद कर दिया जाएगा. ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि कोई भी कर्मचारी गलत तरीके से उसमें किसी की जमीन की जानकारी दर्ज न कर सके और न ही किसी भी प्रकार की जमीन की जानकारी को गलत इरादे से अंकित कर सके.
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लाल निशान की जांच के लिए स्पेशल टीम
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग इस अभियान को लेकर पूरी तरह से मुस्तैद है. विभाग ने इस अभियान के लिए संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय करने और कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिए दिशा-निर्देशों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है.
रजिस्टरों की जांच और क्रॉस मार्किंग के लिए एक विशेष टीम का गठन किया जाएगा, जिसकी निगरानी के लिए जिला स्तर पर भी अधिकारियों की एक टीम बनाई जाएगी. राज्य स्तर पर इस पूरी प्रक्रिया पर नजर रखने के लिए राजस्व विभाग द्वारा एक अलग टीम गठित की जाएगी. अगर जांच के दौरान किसी भी अंचल कार्यालय के जमाबंदी रजिस्टर में गड़बड़ी या छेड़छाड़ पाई जाती है, तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
लाल निशान’ दूर करेगा ‘दाखिल-खारिज वाला खेल’
राज्य में जमीन (Bihar Land Survey) से जुड़े मामलों में सबसे ज़्यादा शिकायतें दाखिल-खारिज से संबंधित ही मिलती हैं. अंचल स्तरीय कार्यालयों में होने वाली धांधली और गड़बड़ी की शिकायतें आम बात हो गई हैं. फिलहाल चल रहे जमीन सर्वे में भी लोग अपने जमीन के कागजात निकलवाने के लिए बड़ी तादाद में अंचल कार्यालयों का रुख कर रहे हैं. ऐसे में जमाबंदी रजिस्टरों में भी हेरफेर की घटनाएं बढ़ने की आशंका है, जिसकी कई शिकायतें विभाग को मिल भी रही हैं. आम लोगों को इस परेशानी से बचाने और उन्हें सहूलियत प्रदान करने के लिए ही विभाग इस तरह के अभियान को शुरू करने जा रहा है.