बिहार के लोग जल्द ही भूमि अभिलेख पोर्टल (Bihar Bhumi Sarvey) से अपनी जमीन से जुड़े दस्तावेज मुफ्त में देख सकेंगे. साथ ही मामूली शुल्क देकर इसे डाउनलोड भी कर सकेंगे. दरअसल, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ. दिलीप जायसवाल ने शुक्रवार को विभागीय अधिकारियों को जमाबंदी पंजी (रजिस्टर-2), खतियान समेत 36 तरह के राजस्व अभिलेखों को शीघ्र डिजिटलाइज और स्कैन करने का निर्देश दिया. विभाग की समीक्षा के दौरान उन्होंने अधिकारियों को पंजी-2 के खाली पन्नों को क्रॉस चेक करने और स्कैन किए गए दस्तावेजों की गुणवत्ता की जांच करने का भी निर्देश दिया है.
अब तक आधे से अधिक दस्तावेज हुए डिजिटाइज
एक अनुमान के अनुसार बिहार में 28 से 30 करोड़ राजस्व दस्तावेज हैं जिनमें से आधे से अधिक को डिजिटाइज और स्कैन किया जा चुका है. साथ ही बचे हुये दस्तावेजों को डिजिटाइज और स्कैन किया जा रहा है. फिलहाल बड़ी संख्या में जमाबंदी पंजी ऑनलाइन उपलब्ध नहीं होने से जमीन सर्वे (Bihar Bhumi Sarvey) सहित अन्य काम में रैयतों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. डिजिटाइज और स्कैन होने के बाद दस्तावेजों को भू-अभिलेख पोर्टल से जाकर फ्री में देखा जा सकेगा.
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दस्तावेजों को किया जा सकेगा संरक्षित
बैठक में उपस्थित विभागीय सचिव जय सिंह ने बताया कि इस संबंध में जिला पदाधिकारियों को पत्र लिखकर पंजी-2 के पन्नों को स्कैन करने और स्कैन पन्नों को सत्यापित करने का निर्देश दिया गया है. स्कैनिंग और डिजिटाइजेशन से दस्तावेजों को नष्ट होने से बचाकर संरक्षित किया जा सकेगा और उसको मामूली शुल्क पर नागरिकों को आसानी से उपलब्ध कराया जा सकेगा.
24 जिलों के डीएम को भेजा गया पत्र
सचिव ने इस संबंध में 24 जिले के डीएम को पत्र लिखा है. इसमें कहा गया है कि छूटे हुए अंचलों में जमाबंदी पंजी को जिला अभिलेखागार में लाकर अंचल अधिकारियों की देखरेख में स्कैनिंग किया जाये. साथ ही भू-अभिलेख पाेर्टल पर अपलोड डाटा या इमेज की गुणवत्ता जांच की जिम्मेदारी संबंधित अंचल कार्यालय, जिला अभिलेखागार, भूमि सुधार उप समाहर्ता कार्यालय, भू-अर्जन कार्यालय और अपर समाहर्ता कार्यालय को दी गई है. स्कैनिंग की जिम्मेदारी हरियाणा की कंपनी मेसर्स कैपिटल बिजनेस सिस्टम्स प्रालि, गुरुग्राम को दी गई है.