बिहार में भूमि राजस्व विभाग ने एक बार फिर जमीन सर्वे (Bihar Jamin Sarvey) के लिए डेडलाइन बढ़ा दी है. अब सर्वे का काम जुलाई 2026 तक पूरा किया जाएगा. सोमवार को भूमि राजस्व विभाग के ACS दीपक कुमार सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि ‘लोगों की परेशानियों को देखकर यह निर्णय लिया गया है.’ पहले 20 नवंबर 2024 डेडलाइन था, जिसे सीएम नीतीश कुमार ने छह महीने के लिए बढ़ाकर 30 मार्च 2025 कर दिया था.
जमीन के जमाबंदी को आधार से जोड़ा जाएगा
अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने बताया कि ‘जमीन सर्वे (Bihar Jamin Sarvey) में कोई दिक्कत न हो, इसको लेकर विभाग की ओर से हर संभव प्रयास किया जा रहा है. जनवरी 2025 से सभी जमीन के जमाबंदी को आधार से जोड़ा जाएगा. जमाबंदी को आधार से जोड़ने से लोगों को कई फायदे होंगे. कृषि के तहत किसानों को मिलने वाला लाभ और अनुदान बेहतर तरीके से पहुंच सकेगा. आधार से जुड़ने के बाद समस्याएं कम होंगी.’
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आपत्ति पर तीन बार अपील कर सकते हैं
ACS दीपक कुमार सिंह ने आगे बताया कि ‘जमीन सर्वे या दस्तावेज ऑनलाइन होने के बाद कोई गड़बड़ी है तो तीन बार अपील कर सकते हैं. यह सुविधा जनवरी से शुरू हो जाएगी. एक अतिरिक्त मौका भी दिया जाएगा. तीन बार अपील करने के बाद भी अगर किसी तरह की कोई समस्या है, तो एक बार और अपील कर सकते हैं.
दस्तावेज, जमाबंदी और सर्वे (Bihar Jamin Sarvey) को ऑनलाइन किया जा रहा है. किसी भी तरह की समस्या आने पर सीधा भूमि राजस्व विभाग में शिकायत दर्ज करवा सकते हैं. विभाग का लक्ष्य जमीन सर्वे के काम को बेहतर तरीके से जल्द से जल्द पूरा करना है.’
खुद के जाल में फंसी सरकार
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में जमीन सर्वे (Bihar Jamin Sarvey) कराने का एलान कर सरकार खुद अपने ही जाल में फंस गई है. जमीन सर्वे को लेकर लोगों में बढ़ती नाराजगी को देखते हुए सरकार लगातार बैकफुट पर है. बिहार की डबल इंजन सरकार किसी भी हाल में चुनाव के बीच कोई रिस्क लेने के मूड में नहीं है. यही वजह है कि जमीन सर्वे के लिए तय समय सीमा को लगातार बढ़ाया जा रहा है. अब एक बार फिर से जमीन सर्वे के लिए तय समय सीमा को बढ़ा दिया गया है.
आठ हजार से ज्यादा अमीन काम में लगाये गये
उन्होंने बताया कि जो रैयत और जमीन के कम से कम पेपर भी हैं तो जमीन बिहार सरकार की नहीं हो सकती है. इसके लिए कई प्रावधान किए गए हैं. 45000 हजार गांव में सर्वे का काम 1 साल में पूरा करने का लक्ष्य है. एक नहीं तो दो साल में इसे पूरा कर लिया जाएगा. 80035 अमीन सिर्फ सर्वे के लिए रखे गए हैं. जमीन सर्वे के पहले चरण के अंतर्गत 20 जिलों में अंतिम चरण में है. दूसरे चरण में बाकी के 18 जिला में सर्वेक्षण का काम शुरू हो गया है.