बिहार के जमुई के एक स्कूल में फर्जी हाजिरी मामले में प्रभारी प्रधानाध्यापक राजीव दास को निलंबित (Headmaster Suspended) कर दिया गया है. यह मामला पिछले साल दिसंबर का है, जब तीन शिक्षकों की फर्जी हाजिरी पकड़ी गई थी. राजीव दास पर लापरवाही, धोखाधड़ी और अनुशासनहीनता के आरोप है. शिक्षा विभाग की इस कार्रवाई से शिक्षकों में हड़कंप मचा हुआ है। ई-शिक्षा कोष ऐप के जरिए अब हाजिरी पर कड़ी नजर रखी जा रही है.
फर्जी हाजिरी बनाने का है मामला
जानकारी के अनुसार, पिछले साल दिसंबर में नवीन प्राथमिक विद्यालय, कर्माटांड में फर्जी हाजिरी का मामला सामने आया था. तीन शिक्षकों ने फर्जी तरीके से हाजिरी लगाई थी. इस मामले में स्कूल के प्रभारी प्रधानाध्यापक राजीव दास की जिम्मेदारी तय की गई थी. जमुई शिक्षा विभाग ने जांच के बाद राजीव दास को निलंबित (Headmaster Suspended) करने का फैसला लिया. डीपीओ पारस कुमार ने निलंबन पत्र जारी किया है.
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प्रधानाध्यापक पर गंभीर आरोप
राजीव दास पर कई गंभीर आरोप लगे हैं. उन पर अपने काम में लापरवाही बरतने का आरोप है. शिक्षा व्यवस्था के साथ धोखाधड़ी और नियमों की अनदेखी करने का भी आरोप है. साथ ही उन पर अनुशासनहीनता का भी आरोप है. शिक्षा विभाग की इस कार्रवाई से साफ है कि अब फर्जी हाजिरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
ई-शिक्षा कोष ऐप से हाजिरी
बता दें कि शिक्षा विभाग अब ई-शिक्षा कोष ऐप के माध्यम से हाजिरी की निगरानी कर रहा है. इस ऐप से शिक्षकों की हाजिरी की रियल-टाइम जानकारी मिलती है. इससे फर्जी हाजिरी लगाना मुश्किल हो गया है. पहले कुछ शिक्षक फोटो से फोटो खींचकर या दूसरे तरीकों से फर्जी हाजिरी लगा लेते थे. लेकिन अब ऐसा करना महंगा पड़ेगा. इस कार्रवाई से उन शिक्षकों में भी डर है जो दूसरे राज्य से हाजिरी लगाते थे.