प्रभात खबर के मुताबिक प्रयागराज महाकुंभ (Mahakumbh) में मची भगदड़ के दौरान औरंगाबाद की एक महिला की दर्दनाक मौत हो गई. वही इस भगदड़ में गोपालगंज की 2 महिलाओं की भी मौत हुई है. औरंगाबाद की महिला अपने पति और बेटे के साथ प्रयागराज अमृत स्नान करने गई थी. इसके साथ ही गांव के करीब 12-13 लोग भी साथ में थे.
बिहार के औरंगाबाद से सूरज यादव ने मीडिया से बताया कि हम 12-13 लोग महाकुम्भ (Mahakumbh) में गंगा स्नान करने आए हुए थे. ऐसी भगदड़ मची कि मेरी मां दबकर मर गई. वहीं गोपालगंज की 2 महिलाओं की भी मौत हुई है. दोनों में से एक बरौली थाना क्षेत्र के माड़नपुर गांव निवासी स्व तारकेश्वर सिंह की पत्नी शिव कली देवी (60) है. दूसरी उचकागांव थाना क्षेत्र के बलेसरा गांव के बच्चा दुबे की पत्नी सुशीला देवी (65) है.
पति के सामने ही पत्नी की चली गयी जान
महाकुंभ (Mahakumbh) भगदड़ में अपनी पत्नी को खो चुके औरंगाबाद के फूलचंद विश्कर्मा ने बताया कि रात को हम गंगा में नहाकर निकले तो देखा उधर से गेट खुल गया है. दोनों ओर से पब्लिक थी. लोग एक दूसरे को रौंद रहे थे. जिससे मेरी पत्नी की मौत हो गई और मैं आधे घंटे भीड़ के नीचे दबा रहा. ‘आदमी पर आदमी गिरते गए, कोई उठ नहीं पाया. औरंगाबाद से ही आए एक शख्स ने बताया कि कुछ लोग घाट की तरफ जा रहे थे. इस दौरान भीड़ में लोग गिरे और फिर आदमी पर आदमी गिरते गए. इस दौरान कोई भी व्यक्ति उठ नहीं पाया और दबकर कई लोगों की मौत हो गई.
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महाकुंभ में कैसे हुआ हादसा?
मौनी अमावस्या पर स्नान के चलते मंगलवार की रात करीब 2 बजे संगम तट पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी थी. इसी दौरान बैरिकेडिंग का एक हिस्सा गिर गया, जिसके कारण भगदड़ मच गई. कुछ ही मिनटों में स्थिति बेकाबू हो गई और लोग इधर-उधर भागने लगे. श्रद्धालुओं का सामान गिरता गया. लोग एक दूसरे को रौंदते गए. इस घटना के प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि हम आराम से जा रहे थे, तभी अचानक भीड़ आ गई, धक्का मुक्की हुई. हमने बचने की कोशिश की, लेकिन कहीं जगह नहीं थी.
महाकुंभ में बेहिसाब भीड़
महाकुंभ (Mahakumbh) मेला परिसर में आग की तरह भगदड़ की खबर फैल गयी. इस घटना की सूचना मिलते ही पुलिस, पैरामिलिट्री फोर्स और फायर ब्रिगेड की टीमें मौके पर पहुंचीं. क्षेत्र में पहले से ही फायर सर्विस का ऑल-टेरेन व्हीकल मौजूद था, जिसकी मदद से कई घायलों को निकाला गया. महाकुंभ से गुरुवार को पटना जंक्शन पहुंचे एक ने बताया कि, ट्रेनों में जगह नहीं है. मैं 2 ट्रेन बदलकर पटना पहुंचे हैं. कुंभ में श्रद्धालुओं की बहुत भीड़ है. भीड़ इतनी ज्यादा थी कि भगदड़ मच गई.