भले ही म्यूचुअल फंड (Mutual funds) में निवेश करने वाले लोग लगातार सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए योगदान दे रहे हैं, लेकिन SIP बंद होने की दर में भारी उछाल देखा गया है. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी 2025 में SIP बंद होने की दर 109% तक पहुँच गई है. पिछले साल यह दर 52.3% थी.
जनवरी 2025 में 56.19 लाख नई SIPs शुरू हुईं, जबकि 61.33 लाख SIP बंद कर दी गईं. इसका मतलब यह है कि नए SIPs की तुलना में अधिक SIPs बंद हो गईं, जो एक चिंताजनक संकेत है. इससे पहले के महीनों में नई SIPs की संख्या बंद होने वाली SIPs से अधिक रही थी, लेकिन जनवरी में यह ट्रेंड पूरी तरह बदल गया.
महीना | नई SIPs (लाख में) | बंद हुई SIPs (लाख में) |
---|---|---|
जनवरी 2025 | 56.19 | 61.33 |
दिसंबर 2024 | 54.27 | 44.90 |
नवंबर 2024 | 49.47 | 39.14 |
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विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों का मानना है कि SIPs के बंद होने की मुख्य वजह निवेशकों की बाजार में गिरावट को लेकर बढ़ती चिंता है. अपना धन फाइनेंशियल सर्विसेज की संस्थापक प्रीति ज़ेंडे कहती हैं, “खुदरा निवेशक लगातार शेयर बाजार में गिरावट देखकर घबरा रहे हैं. जब पोर्टफोलियो का मूल्य रोज़ गिरता हुआ दिखता है, तो आम निवेशकों के लिए इसे सहन करना मुश्किल हो जाता है. इससे उनके आत्मविश्वास में कमी आती है और वे इक्विटी एसेट क्लास से पीछे हटने लगते हैं, जबकि सोना और डेट फंड जैसे अन्य एसेट क्लास स्थिर और बेहतर रिटर्न दे रहे हैं.”
भारी गिरावट से SIP हो रहे बंद
हालांकि, विशेषज्ञ SIP बंद करने को सही कदम नहीं मानते. ज़ेंडे आगे कहती हैं, “जो नए निवेशक COVID के बाद बाजार में आए हैं, उन्होंने कभी ऐसी भारी गिरावट नहीं देखी थी, इसलिए वे अब SIP रोकने लगे हैं. लेकिन यह सही कदम नहीं है. अगर आप अपने दीर्घकालिक लक्ष्यों के लिए इक्विटी म्यूचुअल फंड (Mutual funds) में निवेश कर रहे हैं, तो इस गिरावट के दौरान SIP जारी रखना ही समझदारी होगी. इससे बाजार के सुधरने पर आपके पोर्टफोलियो का मूल्य बढ़ेगा.”
इसलिए, विशेषज्ञों का कहना है कि मौजूदा बाजार में निवेश जारी रखना ही बेहतर होगा ताकि गिरावट के समय अधिक यूनिट्स खरीदी जा सकें और बाजार के रिकवरी करने पर ज्यादा लाभ मिल सके.