तेलंगाना में श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कनाल (एसएलबीसी) सुरंग (Telangana tunnel accident) में बड़ा हादसा हुआ है. हादसे में कई मज़दूर घायल हो गए हैं. वहीं आठ लोगों के सुरंग के भीतर फंसे होने की ख़बर है. एसएलबीसी सुरंग का काम नागरकुरनूल ज़िले के अमराबाद मंडल के डोमलपेंटा गांव के पास चल रहा है. ये जगह श्रीशैलम प्रोजेक्ट के नज़दीक है.
प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार जिस वक्त सुरंग का काम चल रहा था, उस वक़्त रिसाव के कारण अचानक सुरंग के भीतर पानी घुस आया था. प्रशासन ने सुरंग में फंसे आठ लोगों के नाम सार्वजनिक कर दिए हैं. इनमें दो उत्तर प्रदेश, चार झारखंड, एक जम्मू कश्मीर और एक पंजाब से हैं.
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सुरंग के भीतर आठ लोग फंसे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी फ़ोन पर मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी से बात की और राहत कार्यों के बारे में जानकारी ली. उन्होंने बचाव कार्य के लिए सभी तरह की मदद का आश्वासन भी दिया. शनिवार शाम राज्य के सिंचाई मंत्री ने एक प्रेस वार्ता कर कहा कि सुरंग में फंसे आठ लोगों को बाहर निकालने के लिए सरकार हर कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने राहत और बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ़ की मदद मांगी है.
अमराबाद मंडल के तहसीलदार मारुति ने बीबीसी को बताया कि सुरंग के अंदर आठ लोग फंसे हुए हैं, इनमें कुछ तकनीकी कर्मचारी भी शामिल हैं. उन्होंने कहा, “हमें जानकारी मिली है कि सुरंग के भीतर आठ लोग फंसे हैं. उन्हें सुरक्षित बाहर निकालने के लिए राहत और बचाव कार्य जारी हैं.”
सुरंग में अचानक कीचड़ और पानी निकलने लगा
सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने बताया है कि सुरंग परियोजना के 14वें किलोमीटर पर सुरंग की छत का एक हिस्सा गिर गया है. सुरंग का काम करने के लिए शनिवार सवेरे कुछ मज़दूर और तकनीकी कर्मचारी सुरंग के भीतर गए थे.
अमराबाद के सर्किल इंस्पेक्टर ने बीबीसी को बताया, “सुरंग के भीतर लगभग 13 या 14 किलोमीटर पर काम चल रहा है. सवेरे करीब साढ़े आठ से नौ बजे के बीच हमें ख़बर मिली की सुरंग में अचानक कीचड़ और पानी निकलने लगा है. बाहर मौजूद कर्मचारियों ने बताया कि आठ कर्मचारी भीतर फंसे हुए हैं.”
उन्होंने बताया कि यह अभी भी स्पष्ट करने की आवश्यकता है कि यह दुर्घटना कैसे हुई और सुरंग के भीतर आख़िर क्या हुआ था.
सुरंग में छत गिरने और कई लोगों के घायल होने की सूचना
तेलंगाना सरकार में रोड और बिल्डिंग्स मंत्री कोमाटिरेड्डी वेंकट रेड्डी ने सुरंग दुर्घटना पर प्रतिक्रिया दी है और दुर्घटना के कारणों को समझाया है. उन्होंने कहा, “यह दुर्घटना श्रीशैलम से देवरकोंडा तक जाने वाली सुरंग के 14वें किलोमीटर के प्रवेश द्वार (डोमलपेंटा के नज़दीक) रिसाव को ढंकने वाले कंक्रीट के टुकड़े के फिसलने के कारण हुई है.”
प्रदेश के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के कार्यालय ने कहा है कि हादसे की सूचना मिलने के बाद सिंचाई मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी, मंत्री जुपाल्ली कृष्ण राव और दूसरे अधिकारियों को घटनास्थल जाने का आदेश दिया गया है.
मुख्यमंत्री के कार्यालय ने कहा, “सुरंग में छत गिरने और कई लोगों के घायल होने की सूचना मिलने के बाद मुख्यमंत्री ने तुरंत अधिकारियों को सतर्क किया है. जिला कलेक्टर, एसपी, अग्निशमन विभाग, हाइड्रॉलिक्स और सिंचाई विभाग के अधिकारियों को घटनास्थल पर पहुंचकर और राहत कार्य शुरू करने का आदेश दिया गया है.”
विपक्ष का सरकार से ये सवाल
मुख्यमंत्री के आदेश के बाद सिंचाई मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी, सिंचाई सलाहकार आदित्य नाथ दास और अन्य अधिकारी विशेष हेलीकॉप्टर से घटनास्थल के लिए रवाना हुए.
घटनास्थल के लिए निकलने से पहले उत्तम कुमार रेड्डी ने मीडिया से बात की और इस बात की पुष्टि की कि सुरंग के भीतर पानी घुस आया है. साथ ही उन्होंने कहा कि राहत कार्य चल रहा है. वहीं विपक्षी भारत राष्ट्र समिति से सांसद केटी रामा राव ने सरकार पर आरोप लगाया है वो घटना को छिपाने की कोशिश कर रही है.
उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “चार दिन पहले शुरू हुए एसएलबीसी टनल (Telangana tunnel accident) कार्य में हुई दुर्घटना पर परदा डालने की सरकार की कोशिश उनकी सोच के बारे में इशारा है.”
“ये दुर्भाग्य की बात है कि अगर दुर्घटना सुबह साढ़े आठ बजे हुई तो सरकार ने दोपहर तक कोई कदम क्यों नहीं उठाया. अधिकारी इस स्थिति में हैं कि उन्हें पता ही नहीं चल रहा कि कितने मजदूर भीतर फंसे हैं.” उन्होंने कहा,” सिंचाई मंत्री उत्तम कुमार का ये कहना हास्यास्पद है कि सुरंग में रिसाव था इसलिए ये हादसा हुआ. अगर रिसाव हुआ था तो उसे रोकने के लिए समय पर कदम क्यों नहीं उठाया गया?”
तेलगांना बीजेपी के अध्यक्ष जी किशन रेड्डी ने भी बताया कि इस हादसे कुछ लोग निर्माणाधीन सुरंग (Telangana tunnel accident) में फंस गए हैं. उन्होंने कहा,” राज्य सरकार लोगों को निकालने की कोशिश कर रही है. केंद्र सरकार पूरी मदद के लिए तैयार है. हम इसमें पूरा सहयोग करेंगे.”