राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Yadav) को उनके समर्थक सामाजिक न्याय का मसीहा कहते हैं. दावा किया जाता है कि सोशल इंजीनियरिंग के जरिए ही लालू प्रसाद यादव गरीबों की आवाज बन गए हैं. लेकिन इस बार के चुनाव में लालू प्रसाद यादव (Lalu Yadav) को लेकर एक बड़ा दावा किया गया है. दावा ये है कि वो खुद किंग मेकर नहीं बने, बल्कि उन्हें बनाया गया. ये दावा किसी बाहरी का नहीं बल्कि राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी भाजपा का है.
क्या कहा नीतीश ने कुमार ने?
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को आड़े हाथ लेते कहा कि ‘तुम्हारे पिता लालू यादव (Lalu Yadav) को मुख्यमंत्री हमने बनाया.’ हालांकि बात राज्य के बुनियादी ढांचे को लेकर हो रही थी और यह बहस खींच कर ‘पिता’ तक पहुंच गई. नीतीश कुमार ने कहा कि ‘तुम्हारी जाति के लोग मुझसे पूछ रहे थे कि मैं ऐसा क्यों कर रहा हूं, लेकिन मैंने उनका समर्थन किया. जानते भी हो कि तब बिहार की क्या स्थिति थी. उस समय शाम के बाद कोई घर से बाहर नहीं निकलता था. हर तरफ सामाजिक वैमनस्य फैला था. जब लालू जी पिछड़े की राजनीति करने लगे तो वर्ष 1994 में उनका साथ छोड़ा.’
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कोई जनता था लालू को- ललन सिंह
केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने भी लालू यादव को ले कर बड़ी बात कह डाली. उन्होंने कहा कि- लालू यादव को कोई जानता भी था. ये खुद सीएम पद हेतु प्रस्तावक थे. एक मास्टर साहेब शिव शंकर जी इनके साथ थे. ये तो नीतीश कुमार थे जो रात भर इनके लिए कैंपेन करते रहे. विधायकों से मिले, सबको राजी कराया. तब जा कर लालू यादव सीएम बने. आज जो कुछ भी लालू यादव हैं उसके आधार नीतीश कुमार हैं. यह उनकी रणनीति थी कि लालू यादव सीएम बनें.’
हमने बनाया लालू को सीएम- BJP
ये बात किसी से नहीं छिपी है कि आज लालू यादव को बीजेपी के मुखर विरोधी के रूप में जाना जाता है. लेकिन एक समय वह भी था जब भाजपा और राजद सियासी दोस्त बन गए थे. वो ऐसा दौर था कि लालू प्रसाद यादव को सीएम बनने में बीजेपी ने समर्थन देकर मदद की थी.
कांग्रेस को रोकने के लिए BJP ने दिया था लालू को समर्थन
दरअसल तब की राजनीति में कांग्रेस को सत्ता में आने से रोकने की प्रमुखता थी. तमाम विपक्षी दल कांग्रेस के खिलाफ एकजुट हो जाया करते थे. यह वक्त था वर्ष 1990 का. तब झारखंड का हिस्सा भी बिहार राज्य में ही था. तब 324 सदस्यीय विधानसभा में सत्तारूढ़ कांग्रेस को सिर्फ 71 सीटें मिलीं. बहुमत के लिए कम से कम 163 विधायकों के समर्थन की जरूरत थी. जनता दल को 122 सीटें मिलीं, लेकिन बहुमत के लिए उसे और सीटों की जरूरत थी. पार्टी के अंदर हुई वोटिंग में पूर्व मुख्यमंत्री राम सुंदर दास को हराकर लालू यादव नेता चुने गए. लालू यादव की इस सरकार को तब बीजेपी के 39 विधायकों का समर्थन था.
दो बार लालू जी ने नीतीश कुमार को सीएम बनाया: तेजस्वी
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का भी दावा कम नहीं है. बदले में सदन में संबोधन के दौरान तेजस्वी यादव ने कहा कि ‘मेरे पिता की कृपा से नीतीश कुमार दो बार सीएम बने. पहली बार नवंबर 2015 में बिहार विधान सभा चुनाव जीतने के बाद लालू यादव के निर्देश पर नीतीश कुमार को सीएम बनाया. दूसरी बार जब 2022 में नीतीश कुमार एनडीए गठबंधन से अलग हुए तब फिर लालू यादव ने फिर नीतीश कुमार को सीएम बनाया. अपने पार्टी को राजद-कांग्रेस महागठबंधन में शामिल कर लिया और मुख्यमंत्री पद की शपथ ली.